बेनी बाबू की समाधि पर जाना भूल गए अखिलेश

बाराबंकी। जनपद में आयोजित एक कार्यक्रम में सम्मिलित होने आये पूर्व मुख्यमंत्री व सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को सपा के संस्थापक सदस्य रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय बेनी प्रसाद वर्मा की समाधि स्थल पर जाना उचित नहीं लगा। अपने जमाने में उत्तर प्रदेश की शान व बाराबंकी के विकास पुरुष के नाम से अपनी पहचान स्थापित करने वाले सपा के संस्थापक सदस्य स्वर्गीय बेनी प्रसाद वर्मा का कुर्मी समाज सहित अन्य जातियों में उनका सम्मान था।वह जिस विभाग में मंत्री हुए त हजारों लोगों को नौकरियों से नवाजा और लोगों को सम्मानित पद भी दिलाया।

लेकिन मंगलवार को बाराबंकी जनपद के कस्बा बदोसराय में एक कार्यक्रम में शामिल होने आए पूर्व मुख्यमंत्री व सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का काफिला नगर से होते हुए गुजरा लेकिन आते और जाते वक्त इसी मार्ग पर स्थिति समाधि स्थल पर रुकना मुनासिब नहीं समझा। यह आरोप कुर्मी समाज के नेता व भाजपा श्रम प्राकोष्ठ जिला संयोजक शिव स्वामी वर्मा ने लागया है। उन्होंने कहा कि यही हाल उस समय भी था जब कोरोना का बहाना बनाकर बेनी बाबू के अंतिम संस्कार में भी सपा नेता के इस परिवार को कोई भी सदस्य नही आया था। जबकि उसी कोरोना काल में ईद का पर्व पड़ गया था तो बड़े मौलानाओं के यहां सपा मुखिया सेवाई खाने गये थे।सपा मुखिया को सिर्फ कुर्मी समाज का वोट लेना जानते है। बीते विधानसभा चुनाव में विधान सभा क्षेत्र रामनगर से पूर्व मंत्री राकेश वर्मा को टिकट काटकर कुर्मी समाज के साथ उपेक्षा पूर्ण व्यवहार किया था। स्वाभिमनीकुर्मी समाज सपा मुखिया द्वारा ऐसी उपेक्षाओं से अपने को पीड़ित एवं अपमानित महसूस करती रही है। जिससे यह साबित होता कि सपा में कुर्मी समाज का कोई सम्मान नही होता है।

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