बिहार में चार सीडीपीओ समेत पांच अफसर निलंबित

पटना। समाज कल्याण विभाग ने आंगनबाड़ी केंद्रों पर बरती गई अनियमितता के आरोप में कटिहार जिले की चार बाल विकास परियोजना पदाधिकारी (सीडीपीओ) और एक जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (डीपीओ) को निलंबित कर दिया है।

इसमें फलका प्रखंड की सीडीपीओ पामेला टुडू, कदवा की सीडीपीओ शबनम शीला, मनिहारी की सीडीपीओ गुड़िया, मानसाही की सीडीपीओ संगीता मिंकी तथा डीपीओ किसलय शर्मा शामिल हैं।

पिछले दिनों समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने कटिहार जिले के संबंधित प्रखंडों में जाकर आंगनबाड़ी केंद्रों पर जांच की थी। जांच के क्रम में आंगनबाड़ी केंद्रों पर कई प्रकार की अनियमितता पकड़ी गई थी। इसी के आधार पर संबंधित पदाधिकारियों पर कार्रवाई की गई है।

जमाबंदी रद करने के प्रविधान को चुनौती देने वाली याचिका पर सरकार से जवाब तलब
पटना हाई कोर्ट ने राज्य के दाखिल-खारिज कानून में जमाबंदी रद करने के प्रविधान की संवैधानिकता को चुनौती देने वाली रिट याचिका पर संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार से जवाब तलब किया है।

मुख्य न्यायाधीश के. विनोद चंद्रन एवं न्यायाधीश पार्थ सारथी की खंडपीठ ने राजेंद्र प्रसाद सिंह की रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को चार सप्ताह में जवाब देने का निर्देश दिया है।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता नागेंद्र राय ने कोर्ट को बताया कि दशकों पुराने जमाबंदियों को जिलों के अपर समाहर्ता बेधड़क रद कर देते है। पुराने जमाबंदी से भूमि के स्वामित्व का प्रश्न भी संलिप्त रहता है जिसे दीवानी अदालतें ही साक्ष्य लेकर फैसला ले सकती हैं।

इस प्रकार राजस्व अधिकारियों को सिविल कोर्ट की शक्तियां दे दी गई हैं जो कि संविधान के अनुच्छेद-300ए का हनन करती है। हाई कोर्ट ने मामले को प्रथमदृष्टया स्वीकार करते हुए सरकार से जवाब तलब किया है ।

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