प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर भारत की पहली प्राइवेट सैटेलाइट कॉन्स्टेलेशन को लॉन्च करने के लिए पिक्सल स्पेस की सराहना की. उन्होंने कहा कि यह भारतीय युवाओं की असाधारण प्रतिभा और स्पेस इंंडस्ट्री में निजी क्षेत्र की बढ़ती क्षमताओं को बताता है. बेंगलुरु की कंपनी ने लॉन्च किया देश का पहला प्राइवेट सैटेलाइट पिक्सेल ने अप्रैल 2022 में अपना स्पेस सफर शुरू किया.
बेंगलुरु की एक स्पेस स्टार्टअप कंपनी पिक्सेल ने बुधवार को देश का पहला निजी इमेजिंग सैटेलाइट कॉन्स्टेलेशन लॉन्च किया. इस कॉन्स्टेलेशन को अमेरिका के कैलिफोर्निया के वैंडेनबर्ग स्पेस फोर्स बेस से एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट के जरिए लॉन्च किया गया. ‘फायरफ्लाई’ कॉन्स्टेलेशन के तीन सैटेलाइट्स को पृथ्वी की ऑर्बिट में 550 किलोमीटर नीचे स्थापित किया गया है.
बिरला इंस्टीट्यूट के छात्रों की पहल
पिक्सेल की स्थापना 2019 में अवैस अहमद और क्षितिज खंडेलवाल ने की थी, दोनों उस समय बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस, पिलानी में पढ़ाई कर रहे थे. उन्होंने शुरुआती दौर में 95 मिलियन डॉलर का फंड जुटाया, जो इस कंपनी के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जाती है. पिक्सेल के इन सैटेलाइट्स का मुख्य उद्देश्य पृथ्वी की ऑर्बिट में मौजूद अंतरिक्षीय वस्तुओं की निगरानी करना और पृथ्वी के महत्वपूर्ण डेटा को सटीकता से रिकॉर्ड करना है.
पूर्व इसरो प्रमुख ने भी की सराहना
पूर्व इसरो प्रमुख डॉ. सोमनाथ ने पिक्सेल की इस सफलता पर बधाई देते हुए कहा कि ‘हाइपरस्पेक्ट्रल इमेजिंग क्षमता का यह प्रभाव इस क्षेत्र के लिए बड़ी सौगात साबित होगा.’ पिक्सेल के इन सैटेलाइट्स को महत्वपूर्ण जलवायु डेटा और पृथ्वी से संबंधित जानकारी के लिए डिजाइन किया गया है. ‘फायरफ्लाई’ कॉन्स्टेलेशन उन्नत स्पेक्ट्रल क्षमताओं, रीयल-टाइम डेटा संग्रह और व्यापक अनुप्रयोगों से लैस है.
अब तक भारत में सटीक पृथ्वी इमेजिंग सैटेलाइट्स का संचालन मुख्य रूप से इसरो करता रहा है, जिसके पास मौजूदा समय में लगभग 52 सैटेलाइट्स हैं. लेकिन पिक्सेल जैसी कंपनियां प्राइवेट सेक्टर में स्पेस लॉन्चिंग को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही हैं.