समाजवादी पार्टी सांसद जियाउर्रहमान बर्क के खिलाफ संभल थाने में हिंसा के लिए उकसाने के आरोप में एफआईआर दर्ज

उत्तर प्रदेश: इलाहाबाद हाईकोर्ट में शुक्रवार को संभल जिले में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई हिंसा मामले में सुनवाई की गई. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सर्वे के दौरान हिंसा के लिए लोगों को भड़काने के मामले में आरोपी सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क की अर्जी पर अर्नेश कुमार केस के तहत थोड़ी राहत दी है. इसमें 7 साल से कम सजा वाले अपराध में सामान्य तौर पर गिरफ्तारी नहीं करने का आदेश दिया गया है.

हालांकि, इसके साथ ही कोर्ट ने सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क की एफआईआर रद्द करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है. हाईकोर्ट ने सभी एफआईआर को क्लब कर एक साथ सुनवाई करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही दर्ज एफआईआर रद्द करने की मांग अस्वीकार कर दी है. सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने याचिका दाखिल कर एफआईआर रद्द किए जाने की मांग की थी.

गिरफ्तारी और पुलिस की कार्रवाई पर की थी रोक की मांग
इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस राजीव गुप्ता की खंडपीठ ने सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क की याचिका को निस्तारित करते हुए यह आदेश दिया है. याचिका पर राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल शासकीय अधिवक्ता एके सण्ड ने पक्ष रखा. वहीं, याची ने खुद को बेगुनाह बताते हुए कहा था कि सियासी बदले की भावना की वजह से उनके खिलाफ फर्जी केस दर्ज किए गए हैं.

सांसद बर्क के खिलाफ हिंसा के लिए लोगों को उकसाने के आरोप में नामजद एफआईआर दर्ज है. गिरफ्तारी से बचने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट में जियाउर्रहमान ने याचिका दाखिल कर अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर की वैधानिकता को चुनौती दी थी. याचिका में एफआईआर रद्द करने के साथ ही अंतिम फैसला आने तक गिरफ्तारी और पुलिस की कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की गई थी.

हिंसा में 4 की मौत 30 से अधिक घायल हुए थे
समाजवादी पार्टी सांसद जियाउर्रहमान के खिलाफ संभल थाने में हिंसा के लिए उकसाने के आरोप में एफआईआर दर्ज है. 24 नवंबर को हुई हिंसा के लिए लोगों को उकसाने के मामले में सपा सांसद नामजद है. जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई थी जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी जबकि 30 से अधिक लोग हुए घायल थे. इस मामले में सपा सांसद समेत कई अन्य आरोपी बनाए गए हैं.

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