संसार में पाने वाले नहीं बल्कि त्याग करने वाले पूजे जाते हैं: देवकीनंदन ठाकुर

  • देश को आगे बढ़ाने में गुरुजन, धर्माचार्यों और कथाकारों की कठोर तपस्या है – बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष श्री भूपेंद्र सिंह चौधरी जी

निष्पक्ष प्रतिदिन/लखनऊ

अयोध्या में भगवान श्री राम के आगमन के उपलक्ष्य में पूज्य देवकीनंदन ठाकुर जी महाराज के पावन सानिध्य में भव्य दिव्य श्री राम कथा और सीताराम यज्ञ का दिव्य आयोजन स्थान डी.ए.वी कॉलेज, ऐशबाग रोड नियर नाका थाना लखनऊ में 24 जनवरी से 1 फरवरी 2024 तक किया जा रहा है।आज कथा में मुख्य अतिथि के रूप में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी पधारे जिन्होंने पूज्य महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया।
कथा के मुख्य यजमान और उत्तर प्रदेश के उप-मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक डीएवी कॉलेज प्रबंधक मनमोहन तिवारी एवं कथा में प्रमुख यजमान सर्वेश पाण्डेय, मुरलीधर आहूजा, अंशु गुप्ता,अरविन्द सिंह, सुरेश मिश्रा, म नितिन गुप्ता पधारे एवं आरती पूजन किया।
श्री राम कथा के षष्ठम दिवस की शुरुआत विश्व शांति के लिए प्रार्थना के साथ की गई। जिसके बाद पूज्य महाराज जी ने भक्तों को “कान्हा हमारे की महिमा निराली” भजन का श्रवण कराया।प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि हम सब के लिए बहुत ही आनंद वाला क्षण है, 22 जनवरी को राम लला के प्राण प्रतिष्ठा के बाद जिस प्रकार देश में और दुनिया में सनातन के प्रति हमारे विश्वास और परम्परा को लेकर आगे बढ़ रहे हैं उसमें हमारे संतों का और धर्माचार्यों का बहुत बड़ा योगदान है। लम्बे समय की गुलामी के बाद अगर सनातन जीवित रह सका और अब हम अपनी संस्कृति और विरासत को पहचान पा रहे हैं उसमें हमारे गुरु, धर्माचार्यों और संतों की बड़ी तपस्या है और हम ऐसे ही अपनी सनातन की विरासत को आगे लेकर चलेंगे।

आज का युवा दिन-प्रतिदिन आलसी होता जा रहा है और जो मनुष्य आलसी होता है, वह ना खुद का भला कर सकता है और न दूसरों का।एक सिंह अपना शिकार करने में अपनी पूरी ताकत लगा देता है और पूरी ईमानदारी से अपना भोजन ढूंढ़ता है इसलिए सिंह जंगल का राजा कहा जाता है। वही मनुष्य सफल है जो ईमानदारी से मेहनत करता है। जो मनुष्य हर एक परिस्थिति से लड़ना जानता है वो कभी हारेगा नहीं उसकी विजय निश्चित होती है। हर एक युवा को किसी भी परिस्थिति के सामने झुकना नहीं चाहिए। अगर मनुष्य गलत नहीं है तो उसको अपने मार्ग पर डटे रहना चाहिए, एक न एक दिन सफलता अवश्य मिलेगी।जो ब्राह्मणों से डर कर रहता है और जो ब्राह्मणों का आदर और सम्मान करता है उस मानव को समाज में किसी से डरने की कोई आवश्यकता नहीं होती वह व्यक्ति संसार से निर्भय हो जाता है।आज मनुष्य के घरों में रामायण नहीं है इसके कारण मनुष्य के घर टूट रहे हैं और इस संसार में कोई पैसा ऐसा नहीं जो मनुष्य के घर को जोड़ सके और न ही कोई ऐसा पद है अगर मनुष्य के घर जुड़े रह सके उसका कारण केवल और केवल रामायण है मनुष्य अगर अपने जीवन में रामायण को धारण कर लेता है तो उसके जीवन में कभी कोई परेशानी नहीं आएगी।

श्री राम आज भी सर्वमान्य हैं। इंडोनेशिया एक मुस्लिम देश है लेकिन वहां पर आज भी 41 दिन रामायण होती है। सिर्फ प्राप्त करना ही महानता नहीं होती कभी-कभी अपनों के लिए त्याग करना भी महानता होती है। इस संसार में पाने वाले नहीं पूजे जाते बल्कि त्याग करने वाले पूजे जाते हैं।

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