मुरादाबाद: कई दिनों से कड़ाके की ठंड के साथ पाला भी पड़ने लगा है। जिससे किसानों की परेशानी बढ़ गई है। लगातार घने कोहरे के बीच पाले से फसलों को होने वाले नुकसान की आशंका को लेकर किसान चिंतित हैं।
फसल पर अब पाले की परत जमने लगी है। खासकर आलू और सरसों की फसल में नुकसान को लेकर चिंता बढ़ गई है। पाले के नुकसान से बचाने के लिए किसानों ने फसलों की हल्की सिंचाई करनी शुरू कर दी है। फिलहाल कोहरा व पाला की ज्यादा मार नहीं है, इससे सब्जी उत्पादक राहत महसूस कर रहे हैं। कोहरा बढ़ने पर पाला गिरा तो सरसों की फसल में फफूंदी व आलू की फसल में झुलसा रोग लग जाएगा।
फसलों को बचाने के लिए करें हल्की सिंचाई
मसूर, चना और गेहूं समेत टमाटर, बैंगन, आलू, फूलगोभी, मिर्च, धनिया, पालक आदि की फसल को हल्की सिंचाई कर पाले से बचाया जा सकता है। जिला कृषि अधिकारी ऋतुषा तिवारी ने बताया कि पाले में पौधों के अंदर का पानी जम जाने पर उनकी कोशिकाएं फट जाती हैं। किसान गंधक की डस्ट का छिड़काव करके भी पाले से फसलों को बचा सकते हैं। पाला जनवरी के महीने में ज्यादा पड़ने की संभावना रहती है। बताया कि हल्की सिंचाई से खेत के तापमान में 0.5 से 2 डिग्री सेल्सियस तक वृद्धि हो जाती है। इससे फसलों को पाले से होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है। पाले से सर्वाधिक नुकसान नर्सरी को होता है