राजधानी के शंभू बॉर्डर पर पिछले 8 महीने से धरने पर बैठे किसान अब दिल्ली की ओर कूच करने वाले हैं। आज दोपहर करीब 1 बजे अपनी विभिन्न मांगों को लेकर किसानों का एक जत्था ‘दिल्ली चलो’ मार्च निकालेगा। किसानों के मार्च को लेकर प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है। अब किसानों के मार्च को लेकर किसान नेता का बयान सामने आया है।
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर का कहना है कि मोर्चे को चलते 297 दिन हो गए हैं। वहीं खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन 11वें दिन में प्रवेश कर गया है। आज दोपहर लगभग 1 बजे 101 किसान-मजदूर का जत्था शंभू बॉर्डर से दिल्ली की कूच करेगा।
‘किसान अपना बलिदान देने के लिए दिल्ली कूच करेगा’
सरवन सिंह पंढेर ने आग कहा कि आज गुरु तेग बहादुर का बलिदान दिवस है। दुनिया की मानवता के लिए गुरु तेग बहादुर ने अपना बलिदान दिया था। ऐसे में आज के दिन देश का किसान अपना बलिदान देने के लिए दिल्ली की ओर कूच करेगा। वहीं पंधेर ने आगे दावा किया कि खाप पंचायत ने दिल्ली कूच के मार्च का समर्थन किया है।
बॉर्डर पर पुलिस पूरी तरह मुस्तैद
दिल्ली पुलिस ने पंजाब के किसानों के राजधानी की ओर मार्च से पहले कमर कस ली है और सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी कर दी है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एजेंसी को बताया कि दिल्ली पुलिस अलर्ट पर है। इसके साथ ही बॉर्डर पर पुलिस मुस्तैद है। सिंघू बॉर्डर पर फिलहाल सुरक्षाबलों की कम संख्या तैनात की गई है। वहीं दूसरी ओर पंजाब-हरियाणा बॉर्डर के शंभू बॉर्डर पर स्थिति के मुताबिक पुलिस की तैनाती को बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने आगे बताया कि सीमा पर और दिल्ली के कुछ हिस्सो में सुरक्षा व्यवस्थाओं के कारण यातायात प्रभावित होने की संभावना है।
क्या है किसानों की डिमांड?
बता दें कि किसान एमएसपी के अलावा कर्ज माफी, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन और बिजली दरों में बढ़ोतरी न करने की मांग कर रहे हैं। वह साल 2021 की लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को बहाल करने और 2020-21 में पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा दिए जाने की भी मांग कर रहे हैं।