छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री और कोंटा से कांग्रेस विधायक कवासी लखमा की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ी

छत्तीसगढ़ के कथित शराब घोटाला मामले में अब ईडी की एंट्री हो चुकी है ईडी ने आज (शनिवार) को पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक कवासी लखमा के घर पर छापा मारा है. इसके अलावा उनके बेटे समेत 7 जगहों पर ईडी की छापेमारी चल रही है इस कार्रवाई में 50 से ज्यादा ED के अधिकारी और करीब 100 जवान शामिल हैं कवासी लखमा पर आरोप है कि 2020 से 2022 तक जब छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री थे, तब उन्हें हर महीने 50 लाख रुपये कमीसन के रूप में दिये जाते थे

पूर्व मंत्री लखमा लगातार अपने बयानों को लेकर चर्चा में बने रहते हैं ये पहली बार नहीं है जब लखमा पर ईडी ने छापा मारा हो, इसके पहले भी ईडी ने छापेमार कार्रवाई की थी इस बार उनके बेटे के घर समेत 7 जगहों पर ईडी ने छापा मारा है

इस मामले में कुछ समय पहले ही छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने शराब घोटाला मामले को लेकर बड़ा फैसला किया था सरकार ने इसकी आगे की जांच सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) को सौंप दी है

इन जगहों पर मौजूद ईडी
यह छापेमारी छत्तीसगढ़ शराब घोटाले से जुड़ी हुई है.जिसकी जांच ईडी और सीबीआई कर रही है. पूरा मामला कांग्रेस सरकार के समय का बताया जा रहा है. फिलहाल ईडी के अधिकारी दोनों नेताओं से पूछताछ कर रहे हैं. वहीं ईडी की रेड से हड़कंप मच गया है.

ईडी की टीम जिला पंचायत अध्यक्ष हरीश कवासी और सुकमा नगर पालिका अध्यक्ष जगन्नाथ राजू साहू के घर पर मौजूद है. छापेमार कार्रवाई के दौरान बड़ी संख्या में सुरक्षा बल भी मौजूद है.

शराब घोटाले से है कनेक्शन
छत्तीसगढ़ में कथित शराब घोटाले मामले में एसीबी में हुई fir के बाद ED जांच कर रही है. दर्ज FIR में 2 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बात कही गई है. ED ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन भूपेश सरकार के कार्यकाल में कई नेता और अफसर अवैध सिंडिकेट के जरिए शराब घोटाले को अंजाम दे रहे थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक यह पूरा सिंडिकेट सरकार के इशारों पर ही संचालित हो रहा था.

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा को भी इसकी जानकारी थी. Fir में इस बात का भी ज़िक्र है कि घोटाले के अवैध कमीशन का बड़ा हिस्सा आबकारी मंत्री कवासी लखमा के पास भी जाता था. 2161 करोड़ के शराब घोटाले के मामले में ACB ने 70 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज किया था.

FIR में तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा का नाम शामिल है. जिन्हें हर महीने 50 लाख दिया जाता था. फिलहाल ED की कार्रवाई जारी है और शराब घोटाले से जुड़े दस्तावेज पैसों के लेन देन कि जानकारी सहित अन्य जानकारियां खंगाजी जा रहा है.

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