नई दिल्ली। बचपन से ही हमारे स्कूल और घरों में हमें बताया जाता है कि हाथ धोना कितना जरूरी है। बाहर से आने के बाद या वॉशरूम से आने के बाद हाथ धोना क्यों जरूरी होता है। हाथ धोने से कई बीमारियों के संक्रमण से बचाव में मदद मिलती है। इसलिए हर साल 5 मई को वर्ल्ड हैंड हाइजिन डे मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का उद्देश्य है कि लोग हाथों की स्वच्छता के प्रति जागरूक रहें और बीमारियों के संक्रमण को रोका जा सके। इस आर्टिकल में हम बताने वाले हैं कि क्या है इस साल वर्ल्ड हैंड हाइजिन डे की थीम और हाथ धोने क्यों जरूरी है और क्या है हाथ धोने का सही तरीका। आइए जानें।
क्या है इस साल की थीम?
साल 2009 में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने “सेव लाइफ: क्लीन योर हैंड्स” कैंपेन की शुरुआत की थी। इसके कैंपेन के जरिए हाथों की हाइजिन का ख्याल रखना कितना जरूरी है, इस बारे में जागरुकता फैलाने की कोशिश की जाती है। हर साल इसी कैंपेन को बढ़ावा देने के लिए वर्ल्ड हैंड हाइजिन डे मनाया जाता है।
इस साल वल्ड हैंड हाइजिन डे की थीम है- हाथों की स्वच्छता और बीमारियों के रोकथाम के बारे में स्वास्थय कर्मियों को नवीन और प्रभावशाली प्रशिक्षण और शिक्षा दी जाए। इस थीम के जरिए हाथों की स्वच्छता को बढ़ावा देना है, ताकि स्वास्थय के क्षेत्र में बीमारियों की रोकथाम में और मदद मिल सके।
कब-कब हाथ धोना जरूरी है?
वॉशरूम इस्तेमाल करने के बाद
खाना बनाने से पहले
खाना खाने से पहले और बाद में
जानवरों को छूने के बाद या उनका खाना-पानी देने के बाद
जानवरों के मल-मूत्र को साफ करने के बाद
छींकने, खांसने या नाक साफ करने के बाद
चोट पर दवा लगाने से पहले और बाद में
सफाई करने या कचरा छूने के बाद
किसी बीमार व्यक्ति से मिलने के बाद
बाहर कहीं से भी घर लौटने के बाद सबसे पहले हाथ धोएं
बच्चे का डाइपर बदलने के बाद
बच्चों को खाना खिलाने से पहले या बाद
हाथ कैसे साफ करें?
हाथों के जरिए फैलने वाली बीमारियों के संक्रमण के रोकने के लिए जरूरी है कि हाथों को अच्छी तरह साफ किया जाए। सिर्फ पानी के इस्तेमाल से हाथों के किटाणु नहीं मरते और वे आपको या आपके आस-पास के व्यक्ति को बीमार बना सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि आप अपने हाथों को अच्छी तरह से साफ करें।
सबसे पहले अपने हाथों को पानी से गीला करें।
अब साबुन या हैंड वॉश का इस्तेमाल करके, अपने हाथों पर अच्छे से झाग बनाएं।
अब अपने दोनों हाथों को अच्छे से रगड़कर साफ करें। उंगलियों के बीच, नाखुन और हाथों के पीछे के हिस्से को साफ करना न भूलें।
हाथों को कम से कम 20-30 सेकंड कर रगड़ें, ताकि किटाणु और धूल-मिट्टी अच्छे से साफ हो सके।
इसके बाद पानी से अपने हाथों को अच्छे से साफ करें और तौलिए या रुमाल से पोछें।