गिरिडीह। गिरिडीह एसपी दीपक कुमार शर्मा नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के 10 लाख के इनामी नक्सली साहेब राम मांझी के घर पर पहुंचे। इस दौरान एसपी ने साहेब मांझी के घरवालों से मुलाकात की। उन्हें बताया कि हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्य सार्वजनिक जीवन में आना ही सही रास्ता है। मुख्यधारा में लौटने से साहेब के साथ उनके पूरे परिवार का कल्याण होग।
इस दौरान एसपी द्वारा साहेब राम मांझी के परिजनों को झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण नीति की जानकारी दी। बताया कि इस नीति के तहत सरेंडर करने से क्या क्या लाभ मिलेगा। एसपी ने यह भी बताया कि जिन नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है उन्हें सरकार की योजना का लाभ मिल रहा है। उन्हाेंने कहा कि साहेब राम सरेंडर नहीं करेगा तो जंगल में ही मारा जाएगा।
साहेब राम मांझी वर्तमान में भाकपा माओवादी जोनल कमिटी का मेंबर है। इसके सिर जिले के अलावा अन्य जिलों में भी कई मुकदमा दर्ज हैं। जब एसपी साहेब राम के घर पहुंचे तो परिजनों ने बताया कि 15 वर्ष की उम्र में ही साहेब घर से निकल गया था। अभी साहेब के तीन बच्चे हैं। दो लड़के मुंबई में काम करते हैं तो एक लड़का घर पर रहकर पढ़ाई करता है। पत्नी गृहस्थी के कार्य में रहती है।
एसपी ने इस दौरान यह बताया कि नक्सल प्रभावित इलाके के विकास को लेकर गिरिडीह पुलिस पूरी तरह से सजग है और विकास कार्य को लेकर लगातार पत्राचार किया जाता है। करंदो की सड़क और पुल के निर्माण को लेकर पत्र लिखा गया है।
एसपी ने इस दौरान यहां के स्थानीय लोगों से बात की। उन्होंने कहा कि आम जनों की सेवा के लिए पुलिस हमेशा तैयार रहती है। किसी को भी पुलिस की जरूरत पड़े तो वे बेझिझक होकर उनके कार्यालय पहुंच सकते हैं।