जोत के विभाजन वाले राजस्व वादों को पक्षों की सहमति पर अभियान चलाकर निस्तारण करना सुनिश्चित करें: जिलाधिकारी

निष्पक्ष प्रतिदिन/ लखनऊ

जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार ने बताया कि प्रदेश की राजस्व न्यायिक प्रणाली में दक्षता तथा पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए राजस्व वादों का त्वरित निस्तारण के साथ ही गुणवत्तापूर्ण निस्तारण किया जाना अपेक्षित है तथा आरसीसीएमएस पोर्टल के माध्यम से प्रदेश के सभी राजस्व न्यायालयों की कार्रवाई में शत प्रतिशत पारदर्शिता सुनिश्चित करवाना तथा वादों से सम्बन्धित सूचनाएं जैसे नियत तारीखों, न्यायालय द्वारा पारित आदेशों और न्यायालय में की गई कार्ररवाइयों की समस्त सूचनाएं वादकारियों, अधिवक्ताओं और जन-सामान्य को उपलब्ध कराना शासन एवं परिषद का उद्देश्य है।


उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश शासन द्वारा राजस्व वादों के त्वरित निस्तारण के लिए आवश्यक दिशा निर्देश भी दिये गये है। उक्त निर्देशो के क्रम में समस्त उपजिलाधिकारियो से यह अपेक्षा है कि आगामी सप्ताह के सोमवार व मंगलवार 18 दिसंबर 2023 व 19 दिसंबर 2023 समय प्रातः 10 बजे से सायं 4 बजे तक समस्त तहसील कार्यालयों में विशेष अभियान चलाकर राजस्व कम्प्यूटर प्रबन्धन प्रणाली पर दर्ज उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 की धारा-116-जोत के विभाजन के लिए वाद जो

1- भूमिधर ऐसी जोत के जिसका वह सहअंशधारी है, विभाजन का वाद प्रस्तुत कर सकता है।

2- ऐसे प्रत्येक वाद में न्यायालय ऐसी जोत के विद्यमान वृक्षों, कुओं, और अन्य सुधार का विभाजन कर सकता है, लेकिन जहाँ पर ऐसा विभाजन सम्भव नही है, वहाँ पर उपरोक्त वृक्षों, कुँओं और अन्य सुधारों एवं उनके मूल्यांकन का विहित रीति से विभाजन और समायोजन किया जायेगा।

3- जहाँ ग्राम पंचायत से भिन्न वाद के सभी पक्षकार प्रत्येक जोत मे संयुक्त रूप से हित रखते हो, वहाँ एक से अधिक जोतों के विभाजन के लिए एक ही वाद संस्थित किया जा सकता है।

4- इस धारा के अधीन प्रत्येक वाद के लिए सम्बन्धित ग्राम पंचायत को पक्षकार बनाया जायेगा।)

के अन्तर्गत प्रचलित ऐसे वादों में जिसमें पक्षों की सहमति है, उन राजस्व वादों को पक्षो की उपस्थिति में नियमानुसार अभियान चलाकर निस्तारण करना सुनिश्चित किया जाए।

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