इंग्लैंड के खिलाड़ियों पर पाकिस्तान सुपर लीग (PSL) सहित अन्य फ्रेंचाइजी लीग में हिस्सा लेने से प्रतिबंध लग सकता है। द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) को प्रतिबंध से छूट दी जाएगी।
ईसीबी घरेलू क्रिकेट की गुणवत्ता में सुधार करना चाहता है। ऐसे में वह यह कदम उठाने वाला है। रिपोर्ट में कहा गया है कि बोर्ड घरेलू सत्र के समानांतर चलने वाली फ्रेंचाइजी लीग को अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) नहीं देगा। इसका मतलब यह होगा कि अप्रैल से मई तक खेले जाने वाले पीसीएल में कुछ शीर्ष इंग्लिश खिलाड़ी नहीं होंगे।
दोहरी तलवार साबित हो सकता है निर्णय
यह निर्णय खिलाड़ियों के लिए दोहरी तलवार साबित हो सकता है, क्योंकि बोर्ड के साथ अपने अनुबंध रद्द करने के बाद वे फ्रेंचाइजी लीग में खेलना पसंद करेंगे। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि जो खिलाड़ी अब प्रथम श्रेणी सर्किट में सक्रिय नहीं हैं उन्हें भी काउंटी क्रिकेट से बाहर नहीं किया जाएगा। साथ ही जिन खिलाड़ियों के पास केवल व्हाइट-बॉल अनुबंध हैं वे लीग खेल सकेंगे बशर्ते कि वे घरेलू व्हाइट-बॉल विंडो से बाहर हों।
टी20 ब्लास्ट और द हंड्रेड जैसी घरेलू लीग के दौरान उपलब्धता होगी सुनिश्चित
इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड के इस कदम का उद्देश्य खिलाड़ियों को उनकी टीम के बाहर होते ही एक लीग से दूसरी लीग में जाने से रोकना है। साथ ही यह भी सुनिश्चित करना है कि खिलाड़ी टी20 ब्लास्ट और द हंड्रेड जैसी घरेलू लीग के दौरान उपलब्ध रहें। रिपोर्ट्स के अनुसार खिलाड़ियों को उन लीग में हिस्सा लेने से भी प्रतिबंधित किया जाएगा, जिन पर भ्रष्टाचार का साया मंडरा रहा है।
इंग्लैंड और वेल्स में अपने टूर्नामेंट की मजबूती की रक्षा करने की आवश्यकता
टेलीग्राफ के अनुसार ईसीबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रिचर्ड गोल्ड ने कहा, “हमें अपने खेल की अखंडता और इंग्लैंड और वेल्स में अपने टूर्नामेंट की मजबूती की रक्षा करने की आवश्यकता है। यह नीति खिलाड़ियों और पेशेवर काउंटियों को अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने के हमारे दृष्टिकोण के बारे में स्पष्टता प्रदान करती है।”
रिचर्ड गोल्ड ने और क्या कहा?
रिचर्ड गोल्ड ने कहा, “यह हमें उन खिलाड़ियों का समर्थन करने के बीच सही संतुलन बनाने में सक्षम बनाएगी जो कमाने और अनुभव प्राप्त करने के अवसर लेना चाहते हैं। साथ ही वैश्विक स्तर पर क्रिकेट की अखंडता की रक्षा करते हुए यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि अपनी ईसीबी टूर्नामेंट को कमजोर नह हों और केंद्रीय अनुबंधित इंग्लैंड के खिलाड़ियों के कल्याण हो।