सुकन्या समृद्धि योजना के जरिए लड़कियों का हो रहा आर्थिक सशक्तिकरण

सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) को शुरू हुए आज 10 साल पूरे हो रहे हैं. नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के कुछ महीने बाद ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान के हिस्से के रूप में 22 जनवरी, 2015 को इस योजना की शुरुआत की थी. इस योजना का मकसद देश की बेटियों के लिए वित्तीय सुरक्षा और सामाजिक सशक्तिकरण के ताने-बाने को साथ लेकर चलना था. यह योजना लॉन्च होने के बाद से ही अपनी लोकप्रियता बनाए हुए है और बेटियों के सपनों को पूरा करने में अपना अहम योगदान दे रही है.

केंद्र सरकार ने यह योजना माता-पिता की अपनी बेटी के सुरक्षित भविष्य को लेकर मदद करने के लिए शुरू की थी. सुकन्या समृद्धि योजना इस मायने में बेहद अनूठी, लक्षित योजना है, क्योंकि बेटी की शिक्षा या शादी के लिए माता-पिता शुरू से ही सुरक्षित तरीके से पैसा जमा कर सकते हैं. इस योजना की अवधि लड़की की 21 साल की आयु तक है. लड़की के 21 के होने पर जमा की गई राशि सीधे उसके खाते में पहुंच जाएगी.

10 सालों में 4 करोड़ से अधिक खाते
सुकन्या समृद्धि योजना देश की लाखों-करोड़ों बेटियों के लिए आशा और सशक्तिकरण के किरण की तरह है. यह योजना बेटियों के सपनों और आकांक्षाओं को पूरा करने में आर्थिक रूप से मदद करती है. पीएम मोदी ने इस योजना की शुरुआत 22 जनवरी, 2015 को की थी. अब इस योजना के 10 साल पूरे हो रहे हैं.

शुरुआत से ही लोगों में इस योजना का खासा असर दिखा. माता-पिता या फिर करीबी रिश्तेदारों ने बेटियों के सुरक्षित भविष्य के लिए इस योजना में खुलकर निवेश किया. इससे इस तरह से समझा जा सकता है कि गुजरे 10 सालों में 4 करोड़ से अधिक सुकन्या समृद्धि खाते खोले गए. केंद्र सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, नवंबर 2024 तक देश में 4.1 करोड़ से अधिक सुकन्या समृद्धि खाते खोले जा चुके हैं.

कौन खोल सकता है खाता
बेटी के जन्म के तुरंत बाद से लेकर उसके 10 साल की आयु होने तक माता-पिता या फिर उसके अभिभावक सुकन्या खाता खोल सकते हैं. इस योजना की पात्र वही बेटी हो सकती है जो खाता खोलने के समय से लेकर परिपक्वता या बंद होने तक भारत की निवासी हो. हर बच्ची के लिए सिर्फ एक खाता खोलने की अनुमति है.

हालांकि माता-पिता अपनी हर बच्ची के लिए अधिकतम 2 खाते खोल सकते हैं. जबकि उन्हें जुड़वा या 3 बच्चे होने की स्थिति में अधिक खाते खोलने की भी छूट है. यह खाता देशभर में कहीं भी ट्रांसफर कराया जा सकता है

सुकन्या समृद्धि योजना

किसी भी पोस्ट ऑफिस या नामित बैंक में लड़कियों के लिए सुकन्या समृद्धि खाता खोला जा सकता है. खाता खोलने की शुरुआत कम से कम 250 रुपये की शुरुआती जमा राशि से होती है. हालांकि बाद में 50 रुपये के गुणकों में राशि जमा कराई जा सकती है. खाते में हर साल कम से कम 250 रुपये जमा कराया जाना चाहिए. लेकिन एक साल में 1.50 लाख रुपये तक ही जमा कराया जा सकता है. खाता खोलने से लेकर अगले 15 साल तक पैसा जमा कराया जा सकता है.

बालिग होने पर बेटी के नियंत्रण में खाता
बेटी के 18 साल की उम्र का होने तक सुकन्या खाते का प्रबंधन माता-पिता या अभिभावक करेंगे. 18 साल का होने पर आवश्यक दस्तावेज जमा करके बेटी स्वयं खाते का नियंत्रण ले सकती है. खाता खोलने की तारीख से 21 साल पूरे होने पर खाता मैच्योर हो जाता है.

हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों में समय से पहले भी खाता बंद कराया जा सकता है, खासकर खाताधारक बेटी खाते के मैच्योर होने से पहले शादी करना चाहती है. हालांकि इसके लिए उनके जरूरी दस्तावेज जमा कराने होंगे. साथ ही शादी के समय बेटी की उम्र 18 साल से कम नहीं होनी चाहिए.

कब-कब निकाल सकते हैं पैसा
खाते से कुछ विशेष परिस्थितियों में पैसों की निकासी भी कराई जा सकती है. जैसे शैक्षिक उद्देश्य के लिए. हालांकि वह इस मकसद के लिए पिछले वित्तीय वर्ष के अंत में जमा राशि के 50 फीसदी तक की निकासी के लिए आवेदन कर सकती है. लेकिन इस निकासी के लिए खाताधारक को 18 साल या फिर 10वीं पास होना होगा.

समय से पहले भी 2 वजहों से खाते को बंद कराया जा सकता है. अगर खाताधारक को मौत हो गई हो या फिर अनुकंपा के आधार पर. अनुकंपा के आधार का मतलब यह है कि खाताधारक गंभीर रूप से बीमार हो और जीवन के लिए संघर्ष कर रही हो, या फिर उसके अभिभावक की मृत्यु हो गई हो. इन सबके लिए भी पहले जरूरी दस्तावेज जमा कराने होंगे. हालांकि यह भी है कि खाता खोलने के बाद शुरुआती 5 सालों के अंतर इसे समयपूर्व बंद नहीं कराया जा सकता.

ब्याज पर कोई टैक्स नहीं
इस योजना निवेश की धारा 80सी के अंतर्गत आता है और इसलिए माता-पिता 1.5 लाख रुपये तक की कर कटौती के लिए पात्र है. इसके अलावा, खाते में जमा होने वाले ब्याज पर कोई टैक्स भी नहीं लगेगा और अंतिम निकासी पर भी. माता-पिता को भी कोई टैक्स नहीं देना होगा क्योंकि पूरी राशि खाताधारक बेटी को जाएगी. इसका मतलब है कि यह योजना पूरी तरह छूट व्यवस्था (PPF जैसी) के अंतर्गत है, जो बहुत आम नहीं है. खास बात यह है कि इस योजना में 8 फीसदी से अधिक ब्याज दिया जाता है.

योजना में कुछ खामियां भी!
हालांकि इस योजना की कुछ कमियों पर लोगों की अपनी शिकायतें भी हैं. उनका कहना है कि यह कोई सामान्य उद्देश्य वाली बचत योजना नहीं है. यह सिर्फ खाताधारक लड़की की उच्च शिक्षा या विवाह के वित्तपोषण लक्ष्यों के लिए ही है जबकि इसमें और तरलता शामिल करना चाहिए.

एक दूसरी कमी यह बताई जाती है कि इसमें निवेश की सीमा 1.50 लाख रुपये रखी गई है जो बहुत कम है क्योंकि इसके जरिए माता-पिता पढ़ाई और शादी दोनों मकसद के लिए पर्याप्त रकम की व्यवस्था नहीं कर सकते. हालांकि यहां ध्यान रखना होगा कि ऐसे लोगों की संख्या ज्यादा नहीं है जो इस योजना में 1.50 लाख से ज्यादा पैसा जमा कराते हैं. ये लोग ज्यादा रिटर्न के लिए कई अन्य विकल्पों को तलाश सकते हैं..

केंद्र सरकार की ओर से बेटियों के सुरक्षित भविष्य के लिए शुरू की गई सुकन्या समृद्धि योजना बेहद कामयाब योजनाओं में से एक है. बेटियों के सुरक्षित भविष्य के उद्देश्य से यह परिवर्तनकारी पहल का प्रतीक है. सुकन्या समृद्धि योजना यह भी तय करती है कि हर बेटी को समर्थित और सशक्त वातावरण में सपने देखने का मौका मिले और उसे हासिल करने तथा आगे बढ़ने का अवसर मिले. कुल मिलाकर, सुकन्या समृद्धि योजना बेटियों के भविष्य के लिए धन संचय करने के लिए एक बेहतरीन उत्पाद है.

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