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Dunki Route: ‘डंकी रूट’ से अमेरिका पहुंचने का सपना देखने वाले कई भारतीयों को अपनी जान की कीमत चुकानी पड़ती है। हाल ही में, अमृतसर के मंदीप सिंह ने अपनी 13 महीने की खतरनाक यात्रा की आपबीती साझा की, जो इस मार्ग की भयावहता को उजागर करती है।
आईजीआई एयरपोर्ट के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त उषा रंगनानी ने बताया कि 14 दिसंबर 2024 को पट्टी मलसियां, जालंधर पंजाब निवासी मनिंदर पाल सिंह को अमेरिका से निर्वासित किया गया था। आईजीआई एयरपोर्ट पर पहुंचने पर अधिकारियों ने उसके यात्रा दस्तावेजों की जांच की। पता चला कि उसके पासपोर्ट के कुछ पन्ने गायब हैं। गायब पन्नों पर नकली वीजा और नकली स्टाम्प चिपकाए गए थे।मंदीप सिंह ने 13 अगस्त 2024 को अमृतसर से अपनी यात्रा शुरू की। उन्होंने 17 वर्षों तक भारतीय सेना में सेवा दी थी और बेहतर जीवन की उम्मीद में अमेरिका जाने का निर्णय लिया।वे दिल्ली, मुंबई, केन्या, डकार, एम्सटर्डम, सूरीनाम, गुयाना, ब्राजील, पेरू, ईक्वाडोर, कोलंबिया, और पनामा होते हुए अमेरिका पहुंचे। इस दौरान उन्हें जंगलों, पहाड़ों, और खतरनाक रास्तों से गुजरना पड़ा।यात्रा के दौरान उन्होंने 70 दिनों तक मैगी खाकर बिताए और भूख से बचने के लिए कच्ची रोटियां भी खाईं। पनामा के जंगलों में मगरमच्छों का सामना करना पड़ा और कई बार रास्ता भटकने की स्थिति उत्पन्न हुई।अमेरिका पहुंचने के बाद, उन्हें अमेरिकी अधिकारियों द्वारा कठोरता से पेश आना पड़ा। उनकी पगड़ियां उतारी गईं, हथकड़ी लगाई गई, और अपमानजनक व्यवहार का सामना करना पड़ा।अंततः, उन्हें अवैध प्रवासी मानते हुए डिपोर्ट कर दिया गया और विशेष सैन्य विमान से भारत भेजा गया। वापसी के दौरान भी उन्हें हथकड़ी और बेड़ियों में जकड़ा गया।
अवैध रूप से अमेरिका जाने वाले भारतीय नागरिकों की निर्वासन की प्रक्रिया जारी है। इस बीच दिल्ली पुलिस ने यात्रियों को डंकी रूट के जरिए अवैध रूप से अमेरिका भेजने वाले एक एजेंट को गिरफ्तार किया है। एक यात्री के निर्वासन के बाद आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने फर्जीवाड़ा का मामला दर्ज किया था। पुलिस ने पंजाब के इस एजेंट को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। इस पर दिल्ली के अलावा पंजाब में भी फर्जीवाड़ा और ठगी के 10 मामले दर्ज हैं। आरोपी की पहचान वार्ड नंबर 8 बलाचौर, पंजाब निवासी अमित अरोड़ा उर्फ रचित अरोड़ा के रूप में हुई है।
आईजीआई एयरपोर्ट के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त उषा रंगनानी ने बताया कि 14 दिसंबर 2024 को पट्टी मलसियां, जालंधर पंजाब निवासी मनिंदर पाल सिंह को अमेरिका से निर्वासित किया गया था। आईजीआई एयरपोर्ट पर पहुंचने पर अधिकारियों ने उसके यात्रा दस्तावेजों की जांच की। पता चला कि उसके पासपोर्ट के कुछ पन्ने गायब हैं। गायब पन्नों पर नकली वीजा और नकली स्टाम्प चिपकाए गए थे। छेड़छाड़ किए गए पासपोर्ट पर यात्रा करने की वजह से आईजीआई एयरपोर्ट थाना पुलिस ने यात्री के खिलाफ फर्जीवाड़ा का मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में मनिंदर पाल सिंह ने बताया कि वह 10वीं पास है। बेहतर आजीविका के लिए वह अमेरिका जाना चाहता था। 2023 में वह अपने एक दोस्त के जरिए एजेंट मंदीप सिंह से मिला। उसने डंकी रूट से अमेरिका भेजने का आश्वासन दिया और इसके एवज में 41 लाख रुपये की मांग की। एजेंट ने कपूरथला पंजाब में स्थित अपने कार्यालय में उससे नकद राशि ली और अमेरिका की यात्रा की व्यवस्था की। एजेंट और उसके सहयोगियों के निर्देश पर अक्टूबर 2023 में वह कजाकिस्तान, दुबई से सेनेगल और सेनेगल से आगे लीबिया, निकारागुआ, होंडुरास, ग्वाटेमाला, मैक्सिको पहुंचा। एजेंट ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर सीमा पार करके मैक्सिको के रास्ते उसे अमेरिका में अवैध प्रवेश की व्यवस्था की।
13 महीने की कठिन यात्रा के बाद पहुंचा अमेरिका..
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13 महीने की कठिन यात्रा के बाद वह नवंबर 2024 में यात्री अमेरिका पहुंचा। इस दौरान एजेंट ने अवैध यात्रा को छिपाने के लिए कुछ देशों के नकली वीजा और इमिग्रेशन स्टाम्प की भी व्यवस्था की। अमेरिका पहुंचने के बाद एजेंट के निर्देश पर मंदीप सिंह ने अपने पासपोर्ट के कुछ पन्ने हटा दिए, जिनमें नकली वीजा और स्टाम्प थे। अमेरिकी अधिकारियों ने छेड़छाड़ किए गए पासपोर्ट के आधार पर उसे पकड़ लिया और करीब दो महीने हिरासत केंद्र में रखने के बाद उसे वापस भारत भेज दिया।
दिल्ली से पकड़ा गया आरोपी एजेंट..
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पुलिस ने यात्री के निशानदेही पर एजेंट गांव तलवंडी चौधरियां कपूरथला पंजाब निवासी मंदीप की तलाश शुरू की और तकनीकी जांच की मदद से उसे मोगा पंजाब से गिरफ्तार कर लिया। मंदीप सिंह से पूछताछ में उसके एक सहयोगी अमित अरोड़ा का पता चला, जो इस मामले में शामिल था। पुलिस की टीम ने उसकी तलाश शुरू की। तकनीकी जांच से पता चला कि अमित दिल्ली में मौजूद है। बृहस्पतिवार को पुलिस ने उसे दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया।
विदेश भेजने और नौकरी दिलाने के नाम पर वारदात..
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गिरफ्तार अमित अरोड़ा ने बताया कि वह कई साल से ट्रैवल एजेंट का काम करता था। उसका चंडीगढ़ के सेक्टर 17 में उसका एक ट्रैवल ऑफिस है। काम करने के दौरान वह एजेंट मंदीप के संपर्क में आया और उसके साथ काम करने लगा। वह लोगों को विदेश भेजने, सस्ती दरों पर विदेशी देशों के वीजा उपलब्ध कराने और जल्दी और आसानी से पैसा कमाने के लिए विदेशों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी करता था।
मानव तस्करी के लिए डंकी रूट का इस्तेमाल करते हैं एजेंट..
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जांच में पता चला कि मानव तस्करी के लिए एजेंट डंकी रूट का इस्तेमाल करते हैं। एजेंट सुरक्षित मार्ग, रोजगार के अवसर या किसी विदेशी देश में शरण का वादा करके लोगों को शोषण करते हैं। एजेंट वीजा, यात्रा मार्गों और अपनी सेवाओं की वैधता के बारे में गलत जानकारी देकर लोगों को धोखा देते हैं।
ये हैं डंकी रूट..
. भारत-कजाकिस्तान-दुबई-सेनेगल-लीबिया-निकारागुआ-होंडुरास-ग्वाटेमाला-मैक्सिको-यूएसए।
. दक्षिण पूर्व एशिया: थाईलैंड, मलेशिया और सिंगापुर जैसे देशों के सीमाओं का फायदा उठाते हैं।
. मध्य पूर्व: संयुक्त अरब अमीरात, कतर और सऊदी अरब जैसे देशों के रास्ते भेजते हैं।
. यूरोप: पोलैंड, बेलारूस, तुर्की, ग्रीस और इटली जैसे देशों से होते हुए अमेरिका पहुंचते हैं।
. दक्षिण अमेरिकी और कैरिबियन देश- एल साल्वाडोर, कुराकाओ, निकारागुआ, सूरीनाम के जरिए मैक्सिको और फिर संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रवेश करते हैं।
डंकी रूट से भेजने के मामले में एजेंटों की गिरफ्तारी..
2024 ————-21
2025————–06