बुलंदशहर। आचार संहिता के चलते अब प्रत्येक व्यक्ति को 50 हजार से अधिक कैश लेकर चलने पर कैश का साक्ष्य भी साथ रखना होगा। यदि चेकिंग के दौरान कैश बरामद होता है और संबंधित व्यक्ति कैश का सबूत नहीं दे पाया तो ऐसी स्थिति में कैश को सीज कर दिया जाएगा। आयकर विभाग की जांच के बाद ही कैश को छोड़ने की कार्रवाई की जाएगी।
लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू हो चुकी है। ऐसे में अब कैश में लेनदेन करने वाले लोगों को कैश से संबंधित दस्तावेज अवश्य साथ रखने होंगे। यदि चेकिंग के दौरान एफएसटी की टीम किसी व्यक्ति को पकड़ती है तो पकड़े गए कैश के लिए संबंधित व्यक्ति को दस्तावेज दिखाने होंगे। यदि पेश किए गए दस्तावेजों से टीम संतुष्ट नहीं होती है तो ऐसी स्थिति में कैश को सीज करते हुए पोर्टल पर आख्या अपलोड की जाएगी।
इसके बाद आगे की जांच आयकर विभाग करेगा और इसके बाद ही तय होगा कि कैश को रिलीज किया जाना है या नहीं है। हालांकि 50 हजार रुपये तक कैश पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति को कैश के लिए कोई दस्तावेज दिखाने की आवश्यकता नहीं होगी। इसके अलावा व्यापारियों को भी बैंक में कैश जमा करने जाने के दौरान पूरा हिसाब रखना होगा और बैंक से कैश लाने के दौरान कैश के प्रयोग के बारे में भी अधिकारियों को बताना होगा।
प्रत्येक तहसील में एक-एक व्यय प्रेक्षक की तैनाती
संदिग्ध कैश की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए प्रत्येक तहसील में एक-एक व्यय प्रेक्षक की तैनाती की गई है। इसके अलावा प्रत्येक तहसील में दो-दो वीडियो निगरानी टीम, एक-एक वीडियो अवलोकन टीम, एक-एक लेखा टीम, चार-चार उड़न दस्ता और चार-चार स्थाई निगरानी टीम का गठन किया गया है।
किसी भी व्यक्ति पर 50 हजार रुपये तक कैश पाए जाने पर कोई भी सबूत देने की आवश्यकता नहीं है। यदि इससे अधिक कैश पाया जाता है तो इसके लिए ब्योरा देना होगा। यदि ब्योरा नहीं दिया जाता है तो कैश को तत्काल सीज किया जाएगा और आगे की जांच आयकर विभाग करेगा। -विवेक मिश्र, उप जिला निर्वाचन अधिकारी।