पुण्यतिथि पर याद किए गए जनसंघ के संस्थापक डॉ श्याम प्रसाद मुखर्जी

देश की एकता, अखंडता एवं संप्रभुता की रक्षा हेतु डॉ. मुखर्जी का बलिदान सदैव रहेगा याद

बलिया। भाजपा कार्यकर्ताओं ने रविवार को जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की पुण्यतिथि को बलिदान दिवस केज रूप में मनाया। इस अवसर पर लोगों ने मुखर्जी के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।
भाजपा मंडल अध्यक्ष उमाशंकर सैनी ने मुखर्जी के बलिदान दिवस पर उनके जीवन से जुड़े प्रसंगों को सुनाया। कहा कि डॉ. मुखर्जी जम्मू कश्मीर को भारत का पूर्ण और अभिन्न अंग बनाना चाहते थे। उन्होंने नारा दिया कि एक देश में दो प्रधान, दो विधान व दो निशान नहीं चलेंगे। उन्होंने तत्कालीन नेहरू सरकार को चुनौती दी तथा अपने दृढ़ निश्चय पर अटल रहे। अपने संकल्प को पूरा करने के लिए वह 1953 में बिना परमिट लिये जम्मू कश्मीर की यात्रा पर निकल पड़े। वहां पहुंचते ही उन्हें गिरफ्तार कर नजरबंद कर लिया गया। 23 जून 1953 को रहस्यमय परिस्थितियों में उनकी मृत्यु हो गई। कहा कि देश की एकता, अखंडता एवं संप्रभुता की रक्षा हेतु डॉ. मुखर्जी का बलिदान हम लोगो के लिए पाथेय है।

इस मौके पर भाजपा आईटी सेल के जिला संयोजक जय प्रकाश जायसवाल, दीपक कुमार, रामायण ठाकुर, धर्मराज सिंह विक्की, सभासद कृष्ण कुमार कुशवाहा, राजेश पांडेय, अमरेंद्र सोनी, फतेह बहादुर सिंह, मुन्ना गोड, प्रथम सैनी आदि मौजूद रहे।

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