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Dr. N.P. Singh : बांदा कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति डॉ. एन.पी. सिंह ने आर्थिक सम्पन्नता के लिए किसानों को कृषि उद्यमी बनने पर बल दिया है। उन्होंने किसानों की आय में वृद्धि के लिए वैज्ञानिक सोच को जगाने और बाजारोन्मुखी सब्जी फसलों की खेती करने के लिए कहा।
डॉ सिंह शुक्रवार को भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान, वाराणसी परिसर में आर्थिक समृद्धि हेतु सब्जियों द्वारा फसल विविधीकरण विषयक विशेष किसान गोष्ठी को सम्बोधित कर रहे थे। अनुसूचित जाति उप योजना (एससीएसपी) के अंतर्गत आयोजित गोष्ठी में डॉ सिंह ने कहा कि कृषि विविधिकरण से ही कीट एवं रोगों पर नियंत्रण होगा। उन्होंने किसानों से गांव से पलायन रोकने, गांव में ही रोजगार सृजन करने और गांव में रहते हुए खेती करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि कृषि शोध संस्थान किसानों के लिए किसी पूजा स्थल से कम नहीं होता, इसलिए किसानों को विज्ञान, वैज्ञानिकों एवं वैज्ञानिक संस्थानों से जुड़कर वैज्ञानिक सोच विकसित करने की आवश्यकता है। इस परियोजना के नोडल अधिकारी डॉ. नीरज सिंह ने बताया कि यह योजना समावेशी विकास को बढ़ावा देने के साथ-साथ अनुसूचित जाति समुदाय को मुख्यधारा की अर्थव्यवस्था से जोड़ने में सहायक सिद्ध हो रही है। संस्थान ने मिर्जापुर जिले के सीखड़ एवं नारायणपुर विकासखंडों में पांच क्लस्टर बनाए हैं, जिनमें लगभग 100 किसानों का चयन किया गया है। कार्यक्रम में एससीएसपी योजना के किसान क्लस्टर की सावित्री देवी,पूर्व विभागाध्यक्ष, भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान डॉ. ए.बी. राय ने भी किसानों को आवश्यक जानकारी दी।
अतिथियों का स्वागत कर संस्थान के कार्यकारी निदेशक डॉ. नागेन्द्र राय ने बताया- कि भारत सरकार द्वारा संचालित इस योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति के लोगों को शिक्षा, रोजगार, कौशल विकास और उद्यमिता के क्षेत्र में विभिन्न लाभ प्रदान किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि संस्थान ने 33 सब्जियों की 129 प्रजातियों एवं संकरों का विकास किया है और जलवायु अनुकूल प्रजातियों, सब्जी फसल सुरक्षा, पोषण सुरक्षा, मूल्यसंवर्धन, निर्यात, और शहरी उद्यानिकी के साथ ही समन्वित कृषि प्रणालियों पर शोध कर रहा है। इस अवसर पर एक प्रदर्शनी का आयोजन भी किया गया, जिसमें भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान ने सब्जी तकनीक,अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसन्धान संस्थान ने चावल की नवीन किस्मों, उत्पादन तकनीकों एवं ड्रोन तकनीक का प्रदर्शन किया । गोष्ठी का संचालन डॉ. आत्मानन्द त्रिपाठी,धन्यवाद ज्ञापन डॉ. डी.पी. सिंह ने दिया। कार्यक्रम में वाराणसी, मिर्जापुर, सोनभद्र, चंदौली समेत 7 जिलों के 500 से अधिक महिला,पुरुष किसानों और कृषि उद्यमियों ने भाग लिया।