लखनपुर-डोडा राजमार्ग की डीपीआर तैयार, परियोजना से 100 किलोमीटर से अधिक की दूरी हाेगी कम

जम्मू। लखनपुर-डोडा राजमार्ग को सभी मौसम की कनेक्टिविटी बनाया जाएगा। रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इस राजमार्ग के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार है, जिसके अनुसार इस मार्ग पर 100 किलोमीटर से अधिक की दूरी कम हो जाएगी। यह परियोजना पूर्ववर्ती डोडा जिले (डोडा-किश्तवाड़-रामबन) को जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग और दिल्ली-कटरा एक्सप्रेसवे से जोड़ने के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगी।

फिलहाल एनएच-44 के माध्यम से लखनपुर से डोडा तक की वर्तमान दूरी लगभग 260 किलोमीटर है और रणनीतिक राजमार्ग के पूरा होने के बाद यह लगभग 140 किलोमीटर तक कम हो जाएगी। राजमार्ग पर लगभग एक दर्जन सुरंगें प्रस्तावित हैं। इस प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारी ने कहा कि राजबाग से शुरू होने वाले और बिलावर में माता बालासुंदरी की पहाड़ियों से गुजरने वाले राजमार्ग में बालासुंदरी सुरंग का प्रस्ताव भी शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि बसोहली और बानी में शीतलनगर के बीच की दूरी को कम करने के लिए आठ किलोमीटर लंबी सुरंग भी प्रस्तावित है, जो सरथल के पास खुलने से यात्रा को आसान और कम समय लेने वाली बना देगी, जबकि बसोहली और बिलावर के भूस्खलन संभावित क्षेत्र कट जाएंगे।

प्रस्तावित डीपीआर के अनुसार 6.8 किलोमीटर लंबी चत्तरगला सुरंग चटरगला टॉप को बायपास करके तत्कालीन डोडा क्षेत्र को कठुआ से जोड़ेगी। प्रस्तावित परियोजना के पूरा होने के बाद कठुआ जिले के पहाड़ी इलाकों जैसे बसोहली, बानी और सरथल में बड़े पैमाने पर विकास होगा और निर्माण कार्य के दौरान स्थानीय लोगों को रोजगार का लाभ मिलेगा। अधिकारी ने कहा कि चत्तरगला सुरंग का प्रस्ताव करीब छह साल पहले शुरू किया गया था और बीआरओ ने डीपीआर भी तैयार कर लिया था लेकिन कुछ प्रशासनिक मुद्दों के कारण इसे शुरू नहीं किया जा सका। उन्होंने कहा कि यह निर्णय लिया गया है कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) लखनपुर से बसोहली-बानी तक भद्रवाह-पुल डोडा होते हुए एक नया राष्ट्रीय राजमार्ग बनाएगा। उन्होंने कहा कि इससे न केवल यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा बल्कि इससे व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा, रोजगार पैदा होगा और स्थानीय लोगों के लिए राजस्व भी बढ़ेगा।

कठुआ-उधमपुर निर्वाचन क्षेत्र से तीसरी बार सांसद बने केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस विचार की कल्पना 2015-16 में की गई थी, लेकिन कुछ अपरिहार्य कारणों से यह परिपक्व नहीं हो सका। डॉ. सिंह ने मीडिया के सामने कहा कि एनएचएआई अब इस परियोजना पर काम कर रहा है और प्रस्तावित विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) पहले ही उन्हें सौंप दी गई है। उन्होंने कहा कि लखनपुर-बनी-बसोहली-डोडा 4000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजना है और इसे पूरा होने में छह से सात साल लग सकते हैं। इसके लिए भद्रवाह के चत्तरगला में एक बड़ी सुरंग बनाई जाएगी, जिससे यह सभी मौसम में संपर्क योग्य सड़क बन जाएगी। डॉ. सिंह ने कहा कि यह सभी मौसम में संपर्क योग्य राजमार्ग शुरू हो जाने पर लखनपुर से डोडा की दूरी 100 किलोमीटर से अधिक कम हो जाएगी और पर्यटन और व्यापार के साथ-साथ सुरक्षा के दृष्टिकोण से यह इस क्षेत्र में सुधार आएगा।

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