कोलकाता। कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक महिला डॉक्टर की संदिग्ध मौत के मामले में पुलिस ने आरोपित सिविक वॉलंटियर को हिरासत में लेकर गहन पूछताछ शुरू कर दी है। इस बीच आंदोलन कर रहे डॉक्टरों का दावा है कि नशे में धुत्त एक व्यक्ति के लिए डॉक्टर की इतनी निर्मम हत्या कर पाना संभव नहीं है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी पुलिस को रविवार तक का समय दिया है। अगर तब तक जांच संतोषजनक नहीं रही तो वह सीबीआई को जांच सौंप देंगे। इस बीच कोलकाता पुलिस की ओर से गठित एसआईटी के उच्च पदस्त एक अधिकारी ने नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया है कि गिरफ्तार किए गए सिविक वॉलिंटियर संजय राय के डीएनए समेत अन्य सैंपल्स को फोरेंसिक और डीएनए टेस्ट के लिए भेजे गए हैं। इससे स्पष्ट हो पाएगा कि इसमें एक से अधिक लोग शामिल थे या नहीं।
आरोपित के डीएनए सैंपल को जांच के लिए भेज दिया गया है। इसके साथ ही, पुलिस विभिन्न सीसीटीवी फुटेज की जांच कर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आरोपित अकेला था या उसके साथ अन्य लोग भी थे। शुरुआती जांच से संकेत मिल रहे हैं कि इस घटना को अकेले अंजाम देना आरोपित के लिए कठिन हो सकता है, इसलिए पुलिस अन्य संदिग्धों की भी जांच कर रही है।
जांच के दौरान सोमवार को एक महिला को भी पूछताछ के लिए लालबाजार बुलाया गया था। इसके अलावा, पुलिस ने उन पांच लोगों से भी पूछताछ की है जो आरोपित के करीब थे। आरोपित ने पुलिस को बताया कि वह पहले कभी सेमिनार हॉल में नहीं गया था और उस दिन ऑपरेशन थिएटर की तलाश में था क्योंकि उसके किसी परिचित का ऑपरेशन होना था। वहीं उसे महिला डॉक्टर मिली और उसने घटना को अंजाम दिया। घटना के बाद, आरोपित अपने बैरक में वापस चला गया।
मृतका के परिवार ने पुलिस को बताया है कि पहले उन्हें अस्पताल से फोन कर बताया गया था कि उनकी बेटी ने आत्महत्या कर ली है। बाद में यह मामला हत्या का निकला और फिर रेप की संभावना भी सामने आई।
अस्पताल की भूमिका की जांच होगी
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी सोमवार को मृतका के परिवार से मुलाकात की और इस बात की जांच के निर्देश दिए कि आखिर क्यों पहले इसे आत्महत्या का मामला बताया गया।
पुलिस ने पूछताछ के लिए सात डॉक्टरों को भी लालबाजार बुलाया, जो घटना के दिन ड्यूटी पर थे। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि कहीं आरोपित के साथ कोई और भी तो नहीं था। इस दिशा में सभी फ्लोर के सीसीटीवी फुटेज की बारीकी से जांच की जा रही है। मृतका के परिवार को संदेह है कि इस घटना के पीछे किसी षड्यंत्र हो सकता है, और कोई व्यक्ति पैसे देकर इस अपराध को अंजाम दिलवा सकता है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घोषणा की है कि अगर कोलकाता पुलिस पांच दिनों के भीतर इस मामले में ‘उल्लेखनीय प्रगति’ नहीं दिखा पाती, तो वह मामले की जांच सीबीआई को सौंप देंगी। इसी वजह से कोलकाता पुलिस ने जांच में तेजी लाई है और इसके लिए विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया गया है, जिसमें अब 12 सदस्य शामिल हैं। पुलिस ने आरोपित के आपराधिक इतिहास की भी जांच शुरू कर दी है।
पुलिस ने आरोपित और मृतका दोनों के मोबाइल फोन से डेटा जुटाया है और अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज को भी कब्जे में ले लिया है। अब पुलिस मामले की हर संभव कोण से जांच कर रही है ताकि जल्द से जल्द सच्चाई सामने आ सके।