बरेली: किसानों पर जुर्माना लगाने और एफआईआर दर्ज करने के बावजूद खेतों में पराली जलाने के मामले नहीं रुक रहे हैं। इस साल अब तक बरेली मंडल में सैटेलाइट से पराली जलाने के 197 मामले पकड़ में आए। इनमें सबसे ज्यादा 93 मामले शाहजहांपुर और सबसे कम 21 बदायूं में पकड़े गए। वहीं दूसरे नंबर पर पीलीभीत में 59 और बरेली में 24 मामले पकड़े गए। बदायूं में इस साल भले ही सबसे कम पराली जलाने के मामले सामने आए हैं लेकिन पिछले तीन वर्षों में यह सबसे अधिक है।
संयुक्त निदेशक कृषि डाॅ. राजेश कुमार ने बताया कि पराली जलाने के मामले पकड़ में आने पर कार्रवाई की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार अब अधिक जुर्माना भी वसूला जाएगा। पराली जलाने वाले किसानों पर शासन ने जुर्माना लगाने, एफआईआर दर्ज करने और कंबाइनों को सीज करने के निर्देश दिए हैं। यही नहीं ऐसे किसानों को सरकारी योजनाओं का लाभ भी नहीं मिलेगा।
पताई जलाने पर निरस्त होगा गन्ने का सट्टा
संयुक्त निदेशक ने बताया कि जिलाधिकारी ने पराली के अलावा गन्ना पत्ती (पताई) जलाने वाले किसानों का सट्टा निरस्त करने का जिला गन्ना अधिकारी को निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि अब तक शाहजहांपुर से 3216 टन और पीलीभीत से 22 हजार टन पराली एफपीओ के माध्यम से बायोगैस प्लांट भेजी गई है। इसके अलावा निराश्रित गोवंशीय पशुओं के लिए बदायूं को छोड़कर मंडल के तीनों जिलों से 890 टन पराली को गोशालाओं में भिजवाया जा चुका है। पराली जलाने वाले किसानों से 42, 500 रुपये जुर्माना भी वसूला जा चुका है।
तीन साल में पराली जलाने के मामले
जिला- 2022 – 2023 – 2024
बरेली- 23 – 40 – 24
बदायूं- 00 – 04 – 21
पीलीभीत – 111 – 89 – 59
शाहजहांपुर- 258 – 71 – 93
कुल – 392 – 204 – 197