मांगे मानी जाने तक डिजिटाइजेशन का बहिष्कार रहेगा जारी : अरुणेंद्र कुमार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश जूनियर हाई स्कूल शिक्षक संघ उत्तर प्रदेश का प्रांतीय प्रतिनिधिमंडल महानिदेशक स्कूल शिक्षा की वार्ता में शामिल हुआ। शिक्षक संगठन द्वारा 23 सूत्री मांगपत्र सौंपा गया। महानिदेशक स्कूल शिक्षा से प्रांतीय महामंत्री अरुणेंद्र कुमार वर्मा ने कहा कि शिक्षकों से शिक्षण कार्य के अतिरिक्त अन्य कोई कार्य न लिया जाये ताकि विभाग द्वारा निर्धारित शैक्षिक लक्ष्यों की प्राप्ति की जा सके। परिषदीय शिक्षकों, अनुदेशकों, शिक्षा मित्रों एवं कर्मचारियों को भी अर्ध दिवस अवकाश अनुमन्य किए जायें। अधिकतर परिषदीय वि‌द्यालय दूर दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हैं। जहां सामान्य परिस्थितियों में भी निरन्तर समय से पहुंच पाना एक बड़ी चुनौती है अतः शिक्षकों, अनुदेशकों, शिक्षा मित्रों एवं कर्मचारियों के वि‌द्यालय में विलम्ब से उपस्थित होने की दशा में उनके विलंबित समय की गणना करते हुए कुल 6 घंटे पूर्ण होने पर उनका एक आकस्मिक अवकाश समायोजित करने की व्यवस्था लागू की जाये। परिषदीय शिक्षकों एवं कर्मचारियों हेतु 30 अर्जित अवकाश एवं प्रतिकर अवकाश अनुमन्य किए जायें। प्राकृतिक आपदा एवं स्थानीय स्तर पर मौसम की प्रतिकूलता, तकनीकी समस्या होने तथा विभागीय एवं सांगठनिक कार्यक्रमों में प्रतिभागिता की स्थिति में ऑनलाइन उपस्थिति देने की व्यवस्था में शिथिलता प्रदान की जाये, साथ ही 1अप्रैल 2004 के बाद नियुक्त सभी शिक्षकों एवं कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना से आच्छादित किया जाये।

माध्यमिक शिक्षकों की भांति बेसिक शिक्षकों को भी शत प्रतिशत प्रोन्नति वेतनमान का लाभ दिया जाये। बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों, अनुदेशकों, शिक्षा मित्रों एवं कर्मचारियों को भी पंडित दीन दयाल उपाध्याय कैशलैस चिकित्सा योजना का लाभ प्रदान करने, पदोन्नति पर वित मंत्रालय भारत सरकार द्वारा जारी कार्यालय ज्ञाप संख्या 8 – 23 / 2017 ई – 111 – ए दिनांक 28 – 9 – 2018 की भांति सीधी भर्ती के लिए निर्धारित न्यूनतम वेतनमान 17140 / 18150 के बराबर वेतन देने हेतु आदेश जारी कर विसंगति दूर की जाए ताकि पदोन्नति प्राप्त सभी शिक्षकों को इसका लाभ मिल सके। वर्तमान में बेसिक शिक्षा परिषद निष्प्रयोज्य एवं निष्प्रभावी प्रतीत हो रही है, अतः बेसिक शिक्षकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाये। पूर्व प्रदत्त विभागीय व्यवस्था के अनुरूप बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों एवं कर्मचारियों को न्यूनतम तीन पदोन्नति का लाभ दिया जाये। प्रत्येक परिषदीय वि‌द्यालय में प्रधानाध्यापक का पद अनिवार्य रूप से सृजित किया जाये। साथ ही शिक्षण कार्य हेतु प्रति कक्षा एक शिक्षक अवश्य उपलब्ध कराया जाये ताकि विद्यालय सुचारू रूप से संचालित हो सकें। विगत लम्बे समय से अवरुद्ध शिक्षकों एवं कर्मचारियों की पदोन्नति एवं अन्तः जनपदीय स्थानांतरण की प्रक्रिया प्रारम्भ की जाये। महिला शिक्षकों की सुरक्षा को देखते हुए मासिक बैठकें एवं संकुल बैठकें वि‌द्यालय अवधि के अन्दर एक निश्चित कार्य दिवस में संपन्न करायी जायें। उच्च न्यायालय में याचिकाओं के दायर होने के कारण पूरे प्रदेश की पदोन्नति एवं स्थानांतरण प्रक्रिया प्रभावित हो जाती है। अतः पूर्व की भांति जनपद स्तर से ही पदोन्नति एवं अन्तः जनपदीय स्थानांतरण की प्रक्रिया सम्पादित की जाये।

उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक एवं अनुपालन में परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत समस्त प्रभारी प्रधानाध्यापकों को प्रधानाध्यापक के पद के समस्त वित्तीय लाभ प्रदान प्रदान किए जायें।समान कार्य एवं समान वेतन के सिद्धांत के आधार पर विद्यालयों में कार्यरत अनुदेशकों एवं शिक्षामित्रों का नियमितीकरण किया जाये। नियमित न होने तक इन्हें न्यूनतम 40000 रुपए मानदेय दिया जाये तथा शिक्षकों की भांति इन्हें भी चिकित्सीय अवकाश एवं बाल्य देखभाल अवकाश अनुमन्य किये जायें। नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत परिषदीय वि‌द्यालयों का संचालन किया जाये तथा कक्षा शिक्षण हेतु समय सारिणी का पुनर्निर्धारण किया जाये। प्रत्येक विद्यालय में कम्प्यूटर ऑपरेटर, लिपिक, सफाई कर्मी एवं चौकीदार की नियुक्ति अनिवार्य रूप से की जाये। अन्य कर्मचारियों की भांति परिषदीय शिक्षकों को भी क्रमशः 10 वर्ष, 16 वर्ष एवं 26 वर्ष की सेवा पर सुनिश्चित कैरियर प्रोन्नयन (एसीपी) की सुविधा प्रदान की जाये। मान्यता प्राप्त संगठनों के अध्यक्ष एवं मंत्री को दिए जाने वाले विशेष अवकाशों का अंकन मानव सम्पदा पोर्टल पर किया जाये। अन्य कर्मचारियों की भांति पुरुष शिक्षकों एवं कर्मचारियों को भी पितृत्व अवकाश अनुमन्य किए जायें। एकल अभिभावक होने की दशा में पुरुष शिक्षकों के लिए भी बाल्य देखभाल अवकाश अनुमन्य किए जायें। उक्त बिंदुओं पर वार्ता के सापेक्ष महानिदेशक स्कूल शिक्षा द्वारा अवगत कराया गया कि प्रमुख सचिव से वार्ता के बाद अंतिम निर्णय किया जायेगा। संगठन के प्रांतीय महामंत्री अरुणेंद्र कुमार वर्मा ने कहा कि जब तक समस्त समस्याओं का निराकरण नही होगा तब तक ऑनलाइन उपस्थिति एवं डिजिटाइजेशन का बहिष्कार जारी रहेगा। प्रतिनिधि मंडल में प्रांतीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष संतोष यादव, प्रांतीय उपाध्यक्ष संजय मणि त्रिपाठी, प्रांतीय उपाध्यक्ष विनोद कुमार बिंद, प्रांतीय महामंत्री अरुणेंद्र कुमार वर्मा, प्रांतीय कार्यालय मंत्री आशीष सिंह, जिलाध्यक्ष लखनऊ सुरेश जायसवाल सहित जनपद लखनऊ कार्यकारिणी के समस्त पदाधिकारी मौजूद रहे।

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