दिल्ली की केजरीवाल सरकार लाई खास नीति…

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार द्वारा सौर ऊर्जा नीति-2024 अधिसूचित कर दी गई है। इसके लागू होने से न केवल दिल्ली वालों को लाभ होगा होगा, बल्कि प्रदूषण कम करने में भी मदद मिलेगी। सोलर पैनल लगवाने वाले को दिल्ली सरकार प्रत्येक यूनिट बिजली उत्पादन पर पैसे देगी। इससे न सिर्फ उपभोक्ताओं का बिजली बिल शून्य आएगा, बल्कि वो अतिरिक्त कमाई भी कर सकते हैं।

सोलर पैनल लगवाने पर मिलेगी प्रोत्साहन राशि
इस नीति के क्रियान्वयन पर सरकार 570 करोड़ रुपये खर्च करेगी। दिल्ली की ऊर्जा मंत्री आतिशी का कहना है कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 19 जनवरी को नई सौर ऊर्जा नीति की घोषणा की थी। उपराज्यपाल से अनुमति मिलने के बाद इसे लागू कर दिया गया है। देश में पहली बार दिल्ली में सोलर पैनल लगाने वाले उपभोक्ताओं को उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (जीबीआइ) राशि मिलेगी।

तीन किलोवाट क्षमता का सोलर पैनल लगाने वाले घरेलू उपभोक्ता को तीन रुपये प्रति यूनिट और 3 से 10 किलोवाट क्षमता के सोलर पैनल पर दो रुपये प्रति यूनिट के हिसाब से जीबीआइ मिलेगा। व्यावसायिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं को एक रुपये प्रति यूनिट और ग्रुप हाउसिंग समिति और आरडब्ल्यूए को दो रुपये प्रति यूनिट जीबीआइ मिलेगा।

इससे व्यावसायिक व औद्योगिक उपभोक्ताओं का बिल आधा हो सकता है। पांच वर्षों तक यह लाभ मिलेगा। वर्ष 2027 तक दिल्ली की बिजली खपत का लगभग 20 फीसद सौर ऊर्जा से आएगा। सौर ऊर्जा नीति 2016 के अंतर्गत दिल्ली 250 मेगावाट क्षमता के सोलर पैनल लगाए गए।

सरकारी भवनों की छत पर सोलर पैनल लगाना अनिवार्य
दिल्ली में 500 वर्ग मीटर या इससे बड़े आकार वाली सरकारी इमारतों की छत पर सोलर पैनल अनिवार्य कर दिया गया है। तीन वर्ष के अंदर उन्हें सोलर पैनल लगाना होगा। सौर ऊर्जा नीति-2024 के क्रियान्वयन पर नजर रखने के लिए बिजली मंत्री के नेतृत्व में शीर्ष समिति गठित होगी।

इस नीति के अंतर्गत देश में पहली बार सौर ऊर्जा प्रणाली के मालिकों को अपनी अतिरिक्त बिजली को वास्तविक समय में दिल्ली के अन्य उपभोक्ताओं को पीयर टू पीयर ऊर्जा व्यापार मंच के माध्यम से बेचने की सुविधा मिलेगी।

चार वर्षों में वसूल होगी लागत
सौर ऊर्जा नीति 2024 के अंतर्गत सोलर पैनल में जितना पैसा खर्च होगा, वो अगले चार वर्षों में पूरा हो जाएगा। उदाहरणस्वरूप कोई घरेलू उपभोक्ता मासिक 360 यूनिट बिजली उपयोग कर रहा है तो वो 201 से 401 यूनिट वाले स्लैब में आता है। उपभोक्ता दो किलोवाट का रूफ टाप सोलर पैनल लगवाता है तो उसे 90 हजार रुपये खर्च करने पड़ेंगे।

जीरो आएगा बिजली बिल
सोलर पैनल लगने के बाद उसका बिजली बिल शून्य आने लगेगा और इससे प्रत्येक माह 1370 रुपये की बचत होगी। साथ ही दिल्ली सरकार हर महीने 700 रुपये जीबीआइ राशि देगी। दोनों को मिलाकर उस उपभोक्ता की हर महीने करीब 2000 रुपये और एक वर्ष में 24 हजार रुपये बचेंगे।

इस तरह से चार वर्ष के अंदर 90 हजार रुपये का निवेश वसूल हो जाएगा। सोलर पैनल कम से कम 25 साल चलते हैं। इतने वर्षों तक वह अपना बिजली बिल शून्य करने के साथ अतिरिक्त बिजली उत्पादन कर कमाई कर सकेगा।

दिल्ली सौर नीति 2024 की प्रमुख विशेषताएं

  • पूंजी सब्सिडी: पहली बार दिल्ली सरकार आवासीय उपभोक्ताओं को प्रति किलोवाट स्थापना दो हजार रुपये (अधिकतम 10 हजार) की पूंजी सब्सिडी प्रदान करेगी।
  • निवासी कल्याण संघों और समूह आवास सोसायटियों को 2016 की सौर नीति के अनुसार ही प्रति यूनिट सौर ऊर्जा पर दो रुपये का जीबीआइ मिलता रहेगा।
  • दिल्ली सरकार बिजली उत्पादन आकलन का भी प्रविधान करेगी, उपभोक्ताओं को जानकारी देने के लिए सोलर पोर्टल बनाया जा रहा है।
  • हाइब्रिड रेस्को मॉडल: यह मॉडल उन छोटे उपभोक्ताओं को भी लाभान्वित करेगा, जिनके पास पैसे नहीं है, लेकिन उनके पास पर्याप्त छत की जगह है। रेस्को डेवलपर, डिस्काम और उपभोक्ता के बीच एक त्रिपक्षीय समझौता किया जाएगा

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