दिल्ली के भोगल में 25 करोड़ की चोरी का मामले में कई इनपुट के आधार पर दिल्ली पुलिस ने मामले की जांच को तेज किया. सबसे पहले दिल्ली पुलिस की जांच की थ्योरी शोरूम के कर्मचारियों पर टिकी, क्योंकि जिस चालाकी से स्ट्राॅन्ग रूम की दीवार को आसानी से काटकर उसके अंदर जाकर चोरी की गई. वह शोरूम को पूरी तरह से जानते थे. पुलिस को जांच के दौरान सभी कर्मचारियों का डाटा खंगाला जिनमें से एक कर्मचारी पर शक गहराया था, जो न सम्पर्क में और न ही छुट्टी बिताकर वापस लौटा.
केस सुलझाने के लिए पुलिस इस थ्योरी पर भी काम कर रही थी कि इतनी बड़ी चोरी की वारदात को अकेले या 2 लोगों द्वारा भी अंजाम दिया जा सकता है, क्योंकि जिस छत से चोर अंदर घुसे थे वहां से एक शख्स आसानी से लॉक तोड़कर अंदर आकर दीवार तोड़ने में कामयाब रहा है. स्ट्रांग रूम की जिस दीवार का हिस्सा अंदर घुसने के लिए तोड़ा गया है उसमें एक शख्स आसानी से अंदर जा सकता है और वापस वहीं से गोल्ड चोरी करके बाहर निकल गया. उस चोर को दीवार की जानकारी थी कि वो कितना हिस्सा उसका तोड़कर दाखिल हो सकता है 30 किलो गोल्ड चोरी हुआ है तो ये एक बैग में रखकर भी ले जाया जा सकता है. पुलिस ने अभी तक इस केस में दो ही लोगों को अरेस्ट किया है जो इसके मुताबिक यह थ्योरी ठीक बैठती है.
दिल्ली पुलिस को इस केस में सीसीटीवी कैमरा से काफी मदद मिल रही है. रविवार 24 सितंबर की शाम से लेकर सोमवार की रात तक के सभी फुटेज पर पुलिस टीमें काम कर रही हैं. हाथ में सामान या बैग लेकर जाते हुए भी जितने लोग अंधेरे में फुटेज में दिख रहे हैं वो सब पुलिस के रडार पर हैं. दिल्ली पुलिस रोमिंग एरिया में आए फोन, टेक्निकल सर्विलांस और डंप डेटा को लेकर सर्च कर रही है, जो ज्वैलरी शोरूम के आसपास का है. वहीं सीसीटीवी कैमरा फुटेज में कई लोगों की अलग अलग मूवमेंट नजर आई है, जिन्हें संदिग्ध माना जा रहा है जिनके फुटेज के आधार पर जांच आगे बढ़ाई गई है.
पुलिस के रडार में कारपेंटर, राजमिस्त्री और मजदूरी का काम करने वाले भी हैं. वहीं आसपास की गलियों में लगे सीसीटीवी फुटेज में पुलिस उन्हें ट्रैक करने की कोशिश कर रही है. दिल्ली पुलिस को आशंका है की चोरी से की वारदात की रात और सुबह तक मैं उनकी मूवमेंट को लेकर पता लगाया जा रहा है.