दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले दिल्ली के उपराज्यपाल और आम आदमी पार्टी नेताओं के बीच बढ़ी तनातनी

दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले एक बार फिर दिल्ली के उपराज्यपाल और आम आदमी पार्टी नेताओं के बीच तनातनी बढ़ गई है. एक तरफ जहां LG दफ्तर से जुड़े सूत्रों का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आबकारी मामले में कार्रवाई को आगे बढ़ाने के लिए LG ने ED को जरूरी मंजूरी दे दी है, तो आम आदमी पार्टी के नेताओं ने आरोप लगाया है कि उप राज्यपाल भ्रम फैला रहे हैं कोई मंजूरी नहीं दी गई. अगर दी गई है तो कॉपी सामने रखें.

आबकारी मामले में सह आरोपी और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि अगर LG विनय सक्सेना ने अरविंद केजरीवाल जी के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी है, तो ED उस मंजूरी की कॉपी क्यों नहीं दिखा रही? यह साफ है कि यह खबर झूठ और गुमराह करने वाली है.

सिसोदिया का कहना है किबाबा साहब के अपमान के मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए जुमलेबाजी बंद करो और दिखाओ कहां है ED को मुकदमा चलाने के लिए दी गई मंजूरी?

हाई कोर्ट पहुंचे थे सिसोदिया-केजरीवाल
हाल ही में अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने दिल्ली हाई कोर्ट का रुख कर कहा था कि एजेंसी को मुकदमा आगे बढ़ाने के लिए जरूरी मंजूरी नहीं मिली है, इसलिए ट्रायल कोर्ट में चल रही कार्रवाई पर रोक लगाई जाए. शुक्रवार को को दिल्ली हाई कोर्ट ने इस मामले में ईडी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. मामले में अगली सुनवाई फरवरी 2025 में होगी.

आपको बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने 21 मार्च को दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था और मई में उनके, पार्टी और अन्य के खिलाफ चार्जशीट पेश की थी.

5 दिसंबर को ED ने दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना से मंजूरी मांगी थी. अपनी आखिरी चार्जशीट में ED ने अरविंद केजरीवाल के साथ-साथ मनीष सिसौदिया को दिल्ली शराब घोटाले का मास्टरमाइंड बताया है.

एजेंसी का दावा है कि अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने साउथ लॉबी की मदद के लिए आबकारी नीति 2021-22 में बदलाव किए, जिसमें कथित तौर पर 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई थी. दी गई 100 करोड़ रुपये की रिश्वत में से AAP ने 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल गोवा विधानसभा चुनाव प्रचार में किया.

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