दिल्ली सरकार ने राजधानी की डीटीसी (दिल्ली परिवहन निगम) बसों की सुरक्षा के लिए तैनात बस मार्शलों को तत्काल बहाल करने की सिफारिश उपराज्यपाल वीके सक्सेना से की है कैबिनेट ने इस निर्णय पर जोर देते हुए कहा कि बस मार्शलों की नियुक्ति से यात्रियों, खासकर महिला यात्रियों, को सुरक्षा का माहौल देने में मदद मिली है सरकार का कहना है कि ये मार्शल बसों के भीतर महिलाओं को सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभाते हैं और उनकी बहाली से छेड़छाड़, अपराध और हिंसा जैसी घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सकता है
मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में इस मसले पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत पर जोर दिया और उपराज्यपाल से अनुरोध किया कि वे इसे मानवीय दृष्टिकोण से देखें. दिल्ली सरकार ने इस मुद्दे को महिलाओं की सुरक्षा के रूप में प्रमुखता दी है, और बस मार्शलों की बहाली को प्राथमिकता दी गई है
बस मार्शलों की बहाली पर कैबिनेट का जोर
दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने सर्वसम्मति से उपराज्यपाल को यह सिफारिश भेजी कि दिल्ली के डीटीसी और क्लस्टर बसों में तैनात बस मार्शलों को तत्काल बहाल किया जाए मुख्यमंत्री आतिशी ने उपराज्यपाल को लिखे पत्र में उल्लेख किया कि बसों में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना सरकार का मुख्य उद्देश्य है, और इसके लिए मार्शलों का योगदान बहुत अहम है कैबिनेट का कहना है कि इस योजना को सेवा के साथ कानून-व्यवस्था का हिस्सा मानते हुए एलजी के अधिकार क्षेत्र में रखा गया है, इसलिए इस पर अंतिम निर्णय लेने का अधिकार उन्हीं के पास है लेकिन, सरकार ने एलजी से अनुरोध किया कि इस मामले को संवेदनशीलता से देखें और त्वरित निर्णय लें
महिला सुरक्षा के लिए ऐतिहासिक कदम
दिल्ली सरकार का मानना है कि डीटीसी बसों में मार्शलों की तैनाती एक ऐतिहासिक कदम है, जिससे यात्रियों को विशेष रूप से महिलाओं को सुरक्षा का एक आश्वासन मिला है सरकार का दावा है कि बस मार्शलों की उपस्थिति के कारण बसों में अपराध के मामलों में कमी आई है महिलाओं को छेड़छाड़ और अन्य अपराधों से बचाने के लिए बस मार्शलों का योगदान काफी अहम साबित हुआ है सरकार ने उम्मीद जताई है कि उपराज्यपाल दिल्ली की महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए इन मार्शलों को फिर से बहाल करने की अनुमति देंगे
दिल्ली सरकार की कैबिनेट का प्रस्ताव
मुख्यमंत्री आतिशी ने अपने पत्र में बताया कि बस मार्शलों को काम पर रखने के लिए विभाग को कई निर्देश दिए गए हैं, लेकिन इस विषय का अधिकार उपराज्यपाल के क्षेत्राधिकार में होने के कारण एलजी ही इस पर अंतिम निर्णय ले सकते हैं उन्होंने उपराज्यपाल से अनुरोध किया है कि इस मसले को मानवीय दृष्टिकोण से देखते हुए जल्द फैसला लिया जाए. दिल्ली सरकार की मंशा है कि जब तक बस मार्शलों की बहाली के लिए कोई नई योजना नहीं बन जाती, तब तक इन्हें 31 अक्टूबर 2023 से पहले की तरह तत्काल काम पर वापस भेजा जाए