Delhi Cabinet : केजरीवाल को दी मात, अब दिल्ली का मंत्री कौन जानें !

Delhi Cabinet : भारतीय जनता पार्टी के नेता प्रवेश वर्मा ने दिल्ली में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को हराकर बड़ी जीत हासिल की है। अब वे मंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं। यह उनके राजनीतिक सफर का एक महत्वपूर्ण मोड़ है, जो उनके लिए एक नई शुरुआत का संकेत है। प्रवेश वर्मा का राजनीतिक सफर बेहद दिलचस्प रहा है। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (BJP) से जुड़कर राजनीति में कदम रखा और लगातार अपने दम पर पार्टी के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए। वर्मा ने कई चुनावों में अपनी जीत से दिल्ली में बीजेपी की साख को मजबूत किया और अपनी पहचान बनाई। वह दिल्ली में बीजेपी के एक प्रभावी नेता के रूप में उभरे, और उनके द्वारा किए गए जनसंपर्क कार्यों ने उन्हें जनता के बीच खासा लोकप्रिय बना दिया। प्रवेश वर्मा की राजनीतिक शैली को लेकर उनका एक अलग ही अंदाज रहा, जो उन्हें अन्य नेताओं से अलग करता है। अब, दिल्ली विधानसभा में मंत्री पद की शपथ लेने के बाद प्रवेश वर्मा की भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाएगी। उनकी यह जीत दिल्ली की राजनीति में नए बदलाव का प्रतीक मानी जा रही है।

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प्रवेश वर्मा के पिता साहिब सिंह वर्मा भाजपा के कद्दावर नेताओं में गिने जाते हैं। वे दिल्ली के मुख्यमंत्री भी रहे हैं। राजनीति में प्रवेश का रुझान बढ़ाने में उनके पिता का योगदान काफी अहम माना जाता है।आज रेखा गुप्ता दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। दिल्ली की नई सरकार के शपथग्रहण में मुख्यमंत्री के साथ छह मंत्रियों ने भी शपथ ली। केजरीवाल को हराने वाले प्रवेश वर्मा, आशीष सूद, पंकज सिंह, मनजिंदर सिरसा, कपिल मिश्रा, रविंद्र इंद्राज दिल्ली में कैबिनेट मंत्री बने हैं। भाजपा ने 27 साल पर राष्ट्रीय राजधानी की सत्ता में वापसी की है। वहीं, आप को करारी हार का सामना करना पड़ा। नई दिल्ली विधानसभा सीट से केजरीवाल को हार का सामना करना पड़ा। इस सीट पर भाजपा के प्रवेश वर्मा ने आप के मुखिया को मात दी।

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नई दिल्ली सीट पर प्रवेश वर्मा को जहां 30,088 वोट मिले। वहीं, केजरीवाल को 25,999 वोट मिले। कांग्रेस के संदीप दीक्षित को मात्र 4,568 वोट मिले। दिल्ली के तीन बार मुख्यमंत्री रहे केजरीवाल को हराने वाले प्रवेश वर्मा कौन हैं और उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि क्या है, आइए इसके बारे में जानते हैं….

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कौन हैं प्रवेश वर्मा?

प्रवेश वर्मा का जन्म 7 नवंबर 1977 को एक स्थापित राजनीतिक परिवार में हुआ। उनके पिता साहिब सिंह वर्मा भाजपा के कद्दावर नेताओं में गिने जाते हैं। वे दिल्ली के मुख्यमंत्री भी रहे हैं। राजनीति में प्रवेश का रुझान बढ़ाने में उनके पिता का योगदान काफी अहम माना जाता है। प्रवेश के चाचा आजाद सिंह उत्तर दिल्ली नगरपालिका में मेयर रह चुके हैं। 2013 में उन्होंने भाजपा के टिकट पर मुंडका विधानसभा सीट से चुनाव भी लड़ा था। प्रवेश वर्मा की शुरुआती पढ़ाई आरके पुरम के दिल्ली पब्लिक स्कूल में हुई। इसके बाद उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के किरोड़ी मल कॉलेज से डिग्री हासिल की। प्रवेश ने अपनी पोस्ट ग्रैजुएट डिग्री- मास्टर्स ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (एमबीए) फोर स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से हासिल की।

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कैसा रहा है प्रवेश वर्मा का राजनीतिक करियर?

प्रवेश वर्मा की सियासत में औपचारिक एंट्री 2013 में हुई, जब उन्हें भाजपा के टिकट पर महरौली से विधानसभा चुनाव लड़ने का मौका मिला। उन्होंने इस सीट से कांग्रेस के बड़े नेताओं में शुमार योगानंद शास्त्री को हराया, जो कि उस वक्त दिल्ली विधानसभा के स्पीकर पद पर थे। हालांकि, दिल्ली विधानसभा में उनका कार्यकाल लंबा नहीं चला और 2024 में भाजपा ने उन्हें लोकसभा चुनाव में उतार दिया। पश्चिम दिल्ली सीट से तब प्रवेश वर्मा ने आम आदमी पार्टी के जरनैल सिंह और कांग्रेस की तरफ से इस सीट पर तत्कालीन सांसद महाबल मिश्रा को करारी शिकस्त दी। उन्होंने लोकसभा सीट पर 48 फीसदी से ज्यादा वोट हासिल किए।सांसद के तौर पर प्रवेश वर्मा ने सांसदों की तनख्वाह और भत्तों के मामलों को देखने वाली संयुक्त समिति के सदस्य के तौर पर काम किया। इसके अलावा उन्हें शहरी विकास मामलों की स्टैंडिंग कमेटी का भी सदस्य बनाया गया।2019 में एक बार फिर पश्चिम दिल्ली लोकसभा सीट से प्रवेश वर्मा ने कांग्रेस के महाबल मिश्र को हराया। इस बार उन्होंने 5,78,486 वोटों से जीत हासिल की। उन्होंने न सिर्फ अपना, बल्कि दिल्ली में सबसे बड़ी जीत के सभी पुराने रिकॉर्ड तोड़ दिए।दिल्ली में इस बड़ी जीत के बावजूद भाजपा ने 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रवेश वर्मा को नहीं उतारा। बल्कि पार्टी ने उन्हें 2025 में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव में मौका दिया। इस बार उन्हें नई दिल्ली विधानसभा सीट से अरविंद केजरीवाल के खिलाफ लड़ाने का फैसला हुआ। प्रवेश ने इस चुनौती को बखूबी स्वीकारा और जबरदस्त जीत हासिल की।

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