दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर सामना के संपादकीय में बीजेपी पर साधा निशाना

दिल्ली विधानसभा चुनाव भाजपा और ‘आप’ के लिए जिंदगी और मौत का खेल बन गया है. कांग्रेस पार्टी भी इस खेल में अपना हुनर दिखाने की कोशिश कर रही है. अरविंद केजरीवाल एक साथ भाजपा और कांग्रेस के निशाने पर हैं. लोकसभा चुनाव कांग्रेस और आप ने मिलकर लड़ा और अब विधानसभा में फ्रीस्टाइल कुश्ती लड़ रहे हैं. आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है.

पीएम मोदी, केजरीवाल पर भ्रष्टाचार और लूटपाट का आरोप लगाएं ये आश्चर्य की बात है. केजरीवाल का अपने सरकारी बंगले पर 45 करोड़ खर्च करना टीका-टिप्पणी का विषय हो सकता है, लेकिन दिल्ली में पीएम आवास से लेकर कई केंद्रीय मंत्रियों के घरों तक पिछले 10 साल में किस तरह और कितनी फिजूलखर्ची की गई है, इस पर भी बात होनी चाहिए. मंत्रियों ने अपने-अपने घरों को राजशाही, मुगल शैली में सजाया है.

शिंदे तीन सरकारी बंगले अपने पास रखे थे
सामना में कहा गया है कि कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अपने सरकारी बंगले को मनमाफिक सजाया है. महाराष्ट्र का पूरा मामला ही अलग है. सीएम शिंदे एक मुख्य बंगले सहित कुल तीन सरकारी बंगले अपने पास रखे थे और अब मुख्यमंत्री पद से हटने के बाद भी शिंदे ने दो बंगले अपने पास रखे हैं. मौजूदा मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्रियों को दो-तीन बंगलों की जरूरत पड़ती है. ये फिजूलखर्ची उस ‘शीश महल’ मामले से भी बड़ी है.

पीएम मोदी जिस ‘7 लोक कल्याण मार्ग’ पर प्रधानमंत्री मोदी रहते हैं, वह सात-आठ सरकारी बंगलों को मिलाकर बनाया गया है. इस विशाल और हजारों वर्ग मीटर जगह में मोदी अकेले रहते हैं. अब मोदी ने दिल्ली पर जो सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट लादा है, उसमें उनके के लिए स्वतंत्र महल बनाने का काम चल रहा है और इस पर जनता के खजाने से करीब 4०० करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे.

प्रधानमंत्री मोदी विश्व भ्रमण के लिए 15 हजार करोड़ रुपए का विमान खरीदा है. उनके पहले के प्रधानमंत्री एयर इंडिया की नियमित विमानों से यात्रा करते थे, लेकिन पीएम मोदी की शान ही अलग है. सामना में कहा गया है कि पिछले 70 साल में इतने महंगे तोहफे देने वाले मोदी अकेले प्रधानमंत्री हैं. देश के 80 करोड़ गरीबों को मुफ्त भोजन देना और विदेश जाकर वहां के प्रमुख नेताओं को महंगी चीजें बतौर उपहार देना.

ये प्रधानमंत्री जी का शौक है. भारत में 2023-24 में 37 लाख बच्चों ने स्कूल छोड़ दिया, जिसमें 16 लाख लड़कियां शामिल हैं. गरीबी ने उन्हें स्कूल छोड़ने पर मजबूर कर दिया लेकिन प्रधानमंत्री मोदी शीश महल से भाषण दे रहे हैं.

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