कोठी। शासन से भले ब्लॉक मुख्यालय पर अधिकारियों और कर्मचारियों के अधिकारियों के ठहरने के आदेश है। लेकिन वह राजधानी व बाराबंकी शहर चाक चौकध व्यवस्थाओं का मुंह नहीं छोड़ पा रहे हैं। कुछ ऐसा ही हल बुधवार सुबह करीब 10 बजकर 20 मिनट पर ब्लाक सिद्धौर की पड़ताल में था। बीडीओ सिद्धौर पूजा सिंह भी समय से नहीं पहुंची। उनके साथ-साथ एडीओ कोऑपरेटिव, एडीओ एग्रीकल्चर, एपीओ मनरेगा, जेई एआर लक्षी सिंह चौहान के कमरों में ताले बंद थे। मुख्यालय पर तैनात करीब एक दर्जन सचिवों में भी कोई भी समय से नहीं पहुंचा। उनके आवास व कमरों पर ताले बंद थे। जो खुले थे। उनके बाबुओं का काबिज मिले। क्योंकि सचिवों ठहरने बने लाखों रुपए लागत से बने आवास पर बाबुओं की दादागिरी हावी है। वह काबिज है। वह परिवार रजिस्टर नकल से लेकर अन्य कार्यों को संभालते हैं। इससे इतर एडीओ पंचायत सिद्धौर उमेश पटेल गैर जनपद से होने के चलते ब्लॉक परिसर में ठहरते हैं। उनको छोड़कर बुधवार सुबह सब नदारत थे। जिसमे बाबूओं पटल दरवाजे खुले थे। लेकिन कुर्सियां खाली थी। एडीओ कोऑपरेटिव शैलेंद्र कुमार ने बताया कि वह मुख्यालय पर मीटिंग में थे। एडीयो एग्रीकल्चर राजेंद्र चौरसिया मुताबिक ने विद्या पब्लिक इंटर कॉलेज में स्टेटिक मजिस्ट्रेट है। जेई आरएस लक्षी सिंह चौहान ने बताया कि वह फील्ड पर थे। इसी तरीके से सचिव ने भी अलग-अलग राग अलापे है। फिरहाल ब्लॉक दिवस में आधा दर्जन से अधिक सचिवों के साथ बीडीओ पूजा सिंह दोपहर में मौजूद थी। लेकिन यह आलम यह है कि अधिकांश दिनों में रहता है। ब्लाक समय से नहीं पहुंचते हैं