भुवनेश्वर। ओडिशा में आदिवासियों को अपनी जमीन गैर आदिवासियों को भी बेचने की छूट दिए जाने से संबंधित राज्य कैबिनेट के निर्णय को सरकार ने विपक्षी दलों के विरोध को देखते हुए स्थगित कर दिया है। राजस्व मंत्री सुदाम मरांडी ने इंटरनेट मीडिया के माध्यम से इसकी जानकारी दी है।
बता दें कि चार दिन पहले ओडिशा सरकार द्वारा कैबिनेट की बैठक में लिए गए इस निर्णय का भाजपा, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों समेत कई सामाजिक संगठन विरोध कर रहे थे। उनका तर्क था कि यह नियम लागू होने से आदिवासियों से उनकी जमीन छिन जाएगी और उनकी भूमि पर उद्योगपतियों, धनाढ्यों व दबंग लोगों का कब्जा हो जाएगा।
गैर अनुसूचित जनजाति व्यक्ति को भी जमीन-मकान बेच सकेंगे
बता दें कि 14 नवंबर को मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में रेगुलेशन- दो 1596 के संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी मिली थी। कैबिनेट ने निर्णय लिया था कि अनुसूचित जनजाति वर्ग के व्यक्ति अगर चाहें तो गैर अनुसूचित जनजाति व्यक्ति को भी जमीन-मकान बेच सकेंगे। कृषि, आवासीय, गृह निर्माण, बच्चों की उच्च शिक्षा, आत्मनियुक्ति, व्यवसाय या छोटे उद्योग स्थापित करने के लिए गैर अनुसूचित जनजाति के व्यक्ति को चाहें तो अपनी जमीन को गिरवी रख सकते हैं या बेच सकता है।
अन्यथा आंदोलन किया जाएगा
हालांकि निर्णय में यह भी कहा गया था कि संपत्ति हस्तांतरण से उक्त अनुसूचित जनजाति व्यक्ति भूमिहीन ना हो, इसका भी ध्यान रखना होगा। लेकिन विपक्षी पार्टियों ने कहा है कि सरकार अपने इस निर्णय को स्थगित रखने के बजाय पूरी तरह से वापस ले अन्यथा आंदोलन किया जाएगा।