मौत की मशीन! बिना किसी दर्द के 30 सेकेंड में हो जाएगी मौत

Sarco Death Capsule: आजकल जहां देखो वहां बड़े से लेकर कम उम्र तक के लोग आत्महत्या को गले लगा रहे हैं. कोई अपनी लाइफ की समस्याओं से परेशान होकर ये काम कर रहा है तो कोई दूसरों से परेशान होकर.

दुनिया के सभी देशों में इच्छामृत्यु पर प्रतिबंध है और भारत में तो सुसाइड करना अपराध की श्रेणी में रखा गया है लेकिन दुनिया का एक एक देश ऐसा भी है जहां लोग अपनी मर्जी से मौत को गले लगाते हैं. हालांकि इसकी वजह से ये देश काफी विरोध का भी सामना कर रहा है.

इस देश में कर सकते हैं अपनी मर्जी से आत्महत्या
दुनिया भर में स्विटजरलैंड एकमात्र ऐसा देश है, जहां पर लोग अपनी मर्जी से ‘assisted suicide’ कर सकते हैं. यही नहीं बिना किसी दर्द के मौत हो जाए, इसके लिए एक Death Capsule भी यहां पर तैयार किया गया है. इसको लेकर Swiss Media की एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें दावा किया गया है कि पहली बार इस डेथ कैप्सूल का इस्तेमाल होने जा रहा है. तो वहीं यहां पर मरने की इच्छा रखने वाले व्यक्ति के सामने ये शर्त भी रखी गई है कि वह किसी तरह की गंभीर बीमारी से न जूझ रहा हो.

विरोध भी झेल रहा है ये कैप्सूल
बता दें कि डेथ कैप्सूल को काफी विरोध भी झेलना पड़ रहा है. केयर के निदेशक जेम्स मिल्ड्रेड के अनुसार, डॉ. फिलिप के उपकरण की कई लोगों ने निंदा की है. वह ये भी कहते हैं कि आत्महत्या एक त्रासदी है जिसे अच्छे समाज हर परिस्थिति में रोकने की कोशिश करते हैं, इंसानों की मदद करने के नैतिक तरीके हैं जिनमें जीवन का विनाश शामिल नहीं है. तो वहीं प्रो-लाइफ ग्रुप्स ने भी इसको लेकर चेतावनी दी है और कहा है कि 3D प्रिंटर का उपयोग करके बनाए जाने वाले पॉड्स आत्महत्या को ग्लैमराइज़ करते हैं.

इस कंपनी ने बनाया डेथ कैप्सूल
एग्जिट स्विटजरलैंड नाम की कंपनी ने सार्को (Sarco) डेथ कैप्सूल का निर्माण किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इसमें बैठने के चंद सेकेंड बाद ही मौत हो जाएगी. डेथ कैप्सूल को डॉ. फिलिप निश्चेके ने बनाया है. उन्होंने डेली मेल से बात करते हुए डेथ कैप्सूल के बारे बताया है कि ये कैप्सूल उन लोगों की मदद करेगा जो कि बिना किसी दर्द के मरना चाहते हैं या आत्महत्या करना चाहते हैं. डॉ. फिलिप बताते हैं कि जब कोई भी व्यक्ति सार्को में जाता है तो उसका ऑक्सीजन लेवल 21 प्रतिशत हो जाता है लेकिन बटन दबाते ही ऑक्सीजन को एक प्रतिशत से भी कम होने में 30 सेकंड लगते हैं.

जानें कैसे करता है ये काम?
डॉ. फिलिप ने मीडिया को बताया कि जो भी व्यक्ति इस मशीन में चढ़ेगा, उससे तीन सवाल पूछे जाएंगे. पहला आप कौन हैं? दूसरा आप कहाँ हैं?’ तो वहीं तीसरा सवाल होगा- क्या आप जानते हैं कि अगर आप बटन दबाते हैं तो क्या होगा? इसके बाद शख्स को बोलकर इसका जवाब देना होगा, जवाब देते ही कैप्सूल में सॉफ़्टवेयर पावर चालू कर देता है, जिसके बाद उसमें लगा बटन एक्टिव हो जाता है और बटन दबाते ही इस मशीन के अंदर बैठे व्यक्ति की मौत हो जाएगी.

जुलाई में किया जाएगा इस्तेमाल
एग्जिट स्विटजरलैंड की वेबसाइट पर कैप्सूल की तस्वीर के नीचे लिखा है कि ‘जल्द ही आ रहा है’. तो इसी के साथ ही स्विस समाचार आउटलेट NZZ ने दावा किया है कि जुलाई में सार्को के लाइव इस्तेमाल की योजना बनाई जा रही है. इसी के साथ ही उस व्यक्ति की भी तलाश की जा रही है जो इच्छामृत्यु चाहता है और देश की यात्रा कर चुका हो.

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