क्रॉस वोटिंग मामला : थाने में पूछताछ के लिए एसआईटी के सामने पेश हुए राजेन्द्र राणा समेत तीन पूर्व विधायक

शिमला। हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा की सीट पर हुए चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग और सूबे की कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने के आरोपों पर पूर्व विधायक राजेंद्र राणा, देवेंद्र भुट्टो और केएल ठाकुर शुक्रवार को शिमला के बालूगंज थाने में पेश हुए। यह पहला मौका है जब तीनों पूर्व विधायक शिमला पुलिस की एसआईटी के सवालों का सामना करने पहुंचे हैं।

राजेन्द्र राणा और देवेंद्र भुट्टो कांग्रेस के विधायक रहे हैं। केएल ठाकुर निर्दलीय विधायक थे। इसी साल फरवरी माह में राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग के बाद इन्होंने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की और भाजपा की टिकट पर विधानसभा उपचुनाव लड़े। हालांकि तीनों को उपचुनाव में शिकस्त का सामना करना पड़ा। पूछताछ से पहले सुजानपुर से पूर्व कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा ने कहा कि राज्यसभा में अपनी अंतर्रात्मा की आवाज सुनकर उन्होंने भाजपा के प्रत्याशी को वोट दिया लेकिन सरकार ने सदस्यता रद्द कर दी।

राजेंद्र राणा ने सीएम सुक्खू पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस झूठी गारंटियां देकर सता में आई है और मुख्यमंत्री से सरकार चल नहीं पा रही है। आर्थिक प्रबन्धन में मुख्यमंत्री फेल हो गए हैं। राणा ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री बार-बार चंडीगढ़ जाते रहते हैं और हिमाचल भवन में रुकने के बजाय फाइव स्टार होटल्स पर ठहरते हैं और वहां किससे मिलते हैं तथा उसका खर्चा कौन उठाता है, यह अपने आप में बड़ा प्रश्न है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस शासन में न युवाओं को नौकरियां मिल रही हैं और न ही कर्मचारियों की मांगों को सुक्खू सरकार पूरा कर पा रही है। मुख्यमंत्री झूठ बोलने में माहिर है और देश में सबसे संवेदनहीन सीएम है, जिसमें उन्हें गोल्ड मेडल दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को किसी से मिलने के लिए समय नहीं है जब भी कोई मिलने आता है तो वे किसी दूसरे कार्य में व्यस्त होने का बहाना लगा देते हैं।

एसआईटी चार माह से कर रही क्रॉस वोटिंग मामले की जांच

एसआईटी पिछले करीब चार माह से क्रॉस वोटिंग व राज्य सरकार को अस्थिर करने के मामले की तफ्तीश कर रही है। इस दौरान भाजपा विधायक आशीष शर्मा, पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा व उनके पिता पूर्व आईएएस राकेश शर्मा, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के प्रचार सलाहकार रहे तरुण भंडारी से पूछताछ की जा चुकी है। मामले के अनुसार आशीष शर्मा और राकेश शर्मा पर आरोप है कि उन्होंने प्रदेश सरकार को गिराने के लिए षड़यंत्र रचा। राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले तत्कालीन विधायकों के फाइव-सेवन स्टार होटल में ठहरने, खाने-पीने और हेलिकॉप्टर से उन्हें ले जाने का इंतजाम किया। इस मामले में आशीष शर्मा के साथ गगरेट के पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा के रिटायर आईएएस पिता राकेश शर्मा के खिलाफ भी बीते 10 मार्च को शिमला के बालूगंज थाना में भ्रष्टाचार उन्मूलन अधिनियम के तहत मामला दर्ज है।

इस मामले में शिमला पुलिस ने हैलीकॉप्टर कंपनियों के सर्च वारंट हासिल भी किये हैं। निचली अदालत से शिमला पुलिस ने हेलीकाप्टर कम्पनियों को सी.आर.पी.सी. 93 के तहत नोटिस जारी करने की मांग की थी और सर्च वारंट मिलने पर हैलीकॉप्टर कम्पनियों के रिकार्ड खँगालने के लिए गुड़गांव में दबिश दी थी। हालांकि शिमला पुलिस को वहां से बैरंग लौटना पड़ा था। अब शिमला पुलिस कोर्ट से दोबारा सर्च वारंट हासिल कर हेलीकॉप्टर कम्पनियों के दफ्तरों में दबिश देने की तैयारी कर रही है।

10 मार्च को बालूगंज पुलिस स्टेशन में हुई थी एफआईआर

कांग्रेस के विधायक संजय अवस्थी और भुवनेश्वर गौड़ ने बीते 10 मार्च को बालूगंज थाना में आशीष शर्मा और राकेश शर्मा के खिलाफ एफआईआर कराई। एफआईआर में 171 ई, 171सी, 120 बी और भ्र्ष्टाचार निवारण अधिनियम के सेक्शन 7 व 8 में मुकदमा दर्ज हुआ है। इन पर आरोप है कि इन्होंने सरकार को गिराने के लिए षड़यंत्र रचा।

दरअसल बीते 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोट के बाद कांग्रेस के छह बागी सहित तीन निर्दलीय विधायक भी करीब दो हफ्ते तक हरियाणा के पंचकूला के एक होटल में ठहरे। इसके बाद वे उतराखण्ड के ऋषिकेष गए। ऋषिकेश से गुड़गांव पहुंचे। इस दौरान इनके ठहरने व खाने-पीने के बिलों का भुगतान जिन्होंने किया, पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है।

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