क्रॉस वोटिंग मामला : गिरफ्तारी वारंट लेकर गुड़गांव की हेली कम्पनियों में दबिश देगी शिमला पुलिस

शिमला। हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा की एक सीट पर हुए चुनाव में विधायकों की कथित खरीद फरोख्त मामले की शिमला पुलिस की एसआईटी ने जांच तेज़ कर दी है। एसआईटी हरियाणा के गुड़गांव स्थित उन हेलीकॉप्टर कम्पनियों के खिलाफ कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट हासिल करने की तैयारी कर रही है, जिनमें क्रॉस वोटिंग करने वाले कांग्रेस के तत्कालीन छह विधायकों और तीन निर्दलीय विधायकों ने उड़ान भरी थी।

दरअसल एसआईटी ने पिछले दिनों कोर्ट से सर्च वारंट लेकर गुड़गांव में हेलीकॉप्टर कम्पनियों के दफ्तरों में दबिश दी थी। लेकिन गुड़गांव पुलिस के बाधक बनने की वजह से एसआईटी को बैरंग वहां से लौटना पड़ा था। एसआईटी ने इस पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट शिमला की अदालत में दाखिल कर दी है। जानकारी के मुताबिक रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि हेलीकॉप्टर कम्पनियों ने जांच में सहयोग न कर कोर्ट के आदेशों की अवमानना की है। अब एसआईटी द्वारा तीन हेलीकॉप्टर कम्पनियों के खिलाफ कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट लेने की प्रक्रिया को अपनाया जा रहा है।

शिमला पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि अदालत से गिरफ्तारी का वारंट मिलते ही एसआईटी पूरी तैयारी के साथ दोबारा गुड़गांव में इन कम्पनियों के परिसरों में दबिश देगी। शिमला पुलिस की एसआईटी इस मामले में कानूनी प्रक्रियाओं को ध्यान में रखते हुए जांच कर रही है और आगामी दिनों में गिरफ्तारियों का सिलसिला भी शुरू कर सकती है।

मामले के अनुसार राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के तत्कालीन छह और तीन निर्दलीय विधायकों ने भाजपा उम्मीदवार को वोट किया था। इससे विधानसभा में बहुमत होते हुए भी सत्ताधारी कांग्रेस उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी चुनाव हार गए थे और राज्यसभा की सीट भाजपा की झोली में आ गई। हर्ष महाजन राज्यसभा सदस्य के तौर पर निर्वाचित हुए। चुनाव नतीजों के कुछ दिन बाद क्रॉस वोटिंग करने वाले नौ विधायक (कांग्रेस के छह व तीन निर्दलीय) भाजपा में शामिल हो गए थे। इन्हें कड़े सुरक्षा घेरे में कई दिनों तक हरियाणा और उतराखण्ड के होटलों में रखा गया। एसआईटी इनके होटलों में ठहरने और इनकी हेलीकाप्टर यात्रा के ख़र्चे की जांच में जुटी है। नौ तत्कालीन विधायकों में से आशीष शर्मा, सुधीर शर्मा और इंद्रदत्त लखनपाल विधानसभा उपचुनाव में भाजपा की टिकट पर चुनाव जीत कर फिर से विधायक बने हैं। जबकि छह पूर्व विधायकों को उपचुनाव में हार का सामना करना पड़ा है। क्रॉस वोटिंग करने वाले विधायक एसआईटी के निशाने पर हैं।

हिमाचल में 27 फरवरी को हुआ था राज्यसभा चुनाव, पुलिस ने 10 मार्च को दर्ज किया था मुकद्दमा

हिमाचल की एक राज्यसभा सीट पर 27 फरवरी को चुनाव हुआ था। क्रॉस वोटिंग होने से यह सीट भाजपा ने जीती है। कांग्रेस ने चुनाव में भाजपा पर विधायकों की खरीद फरोख्त के आरोप लगाए। कांग्रेस के दो विधायकों संजय अवस्थी और भुवनेश्वर गौड़ द्वारा 10 मार्च को बालूगंज थाना में भादंसं 171ई और 171सी, 120बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 व 8 के तहत मामला दर्ज करवाया गया। एफआईआर में भाजपा विधायक आशीष शर्मा और पूर्व आईएएस राकेश शर्मा को नामजद किया गया। विधायक आशीष शर्मा और पूर्व विधायक चैतन्य शर्मा के पिता सेवानिवृत आई.ए.एस.अधिकारी राकेश शर्मा पर आरोप है कि इन्होंने सरकार को गिराने के लिए विधायकों के फाइव से सेवन स्टार होटलों में ठहराने की व्यवस्था की है।

एसआईटी इन नेताओं से कर चुकी है पूछताछ

पुलिस अभी तक हरियाणा के पूर्व सी.एम. मनोहर लाल खट्टर के प्रचार सलाहकार तरूण भंडारी, चैतन्य शर्मा, आशीष शर्मा, राकेश शर्मा, रवि ठाकुर से पूछताछ कर चुकी है, जबकि इस मामले में कांग्रेस के बागी व पूर्व विधायकों सुजानपुर से राजेंद्र राणा व कुटलैहड़ से देवेंद्र कुमार भुट्टो के अलावा उत्तराखंड में नेताओं के होटलों में ठहरने और हवाई यात्राओं को लेकर हुए लाखों के खर्च को लेकर पूछताछ करनी है।

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