सिपाही की शिकायत पर आईपीएस समेत 18 पुलिसकर्मियों के विरुद्ध नंदगंज थाना में आपराधिक मुकदमा हुआ दर्ज

यूपी के गाजीपुर में चंदौली जिले के 18 पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज की गई है सीजेएम कोर्ट के आदेश पर ये एफआईआर दर्ज की गई है मामला चन्दौली जिले के मुगलसराय थाने की वसूली से जुड़ा है मुगलसराय थाने में 2021 में तैनात कांस्टेबल अनिल कुमार सिंह ने आरोप लगाया था कि मुगलसराय थाने के प्रभारी शिवानंद मिश्रा और एसपी के संरक्षण में जनता से प्रतिमाह 12 लाख 50 हजार की वसूली की जाती थी

अनिल कुमार सिंह की शिकायत पर तत्कालीन डीआईजी विजिलेंस लव कुमार ने इस मामले में जांच की थी, जिसमें आरोप सही पाया गया शिकायत की वजह से तत्कालीन चन्दौली एसपी अमित कुमार द्वितीय और इंस्पेक्टर ने अनिल कुमार सिंह को झूठे मुकदमे में फंसा दिया और मंजू नाथ,अमित जेठवा, सत्येंद्र कुमार दुबे, अनिल सिंह और सतीश सेठी की हत्या का प्रयास किया जाने लगा

अनिल सिंह का कर लिया गया था अपहरण

जानकारी के बाद अनिल को छोड़कर इन चारों की हत्या कर दी गई है घटना के बाद अनिल गाजीपुर के नन्दगंज थाना क्षेत्र के बड़हरा स्थित अपनी ससुराल में रहने लगा. अनिल का आरोप है कि उनके ससुराल से 5 सितंबर 2021 को आरोपी पुलिसकर्मियों ने उनका अपहरण किया और उनकी हत्या करने की कोशिश की. हालांकि इसकी सूचना उनकी बेटी खुशबू ने 100 नंबर पर दे दी थी, जिसकी वजह से उनकी जान बच गई

क्यों शिकायत नहीं की गई दर्ज

अनिल सिंह की पुत्री ने आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ नंदगंज थाने में शिकायत की लेकिन मुकदमा दर्ज नहीं किया गया. ऐसे में अनिल सिंह ने सीजेएम कोर्ट गाजीपुर में 156(3) के तहत वाद दाखिल किया और कोर्ट ने सभी 18 पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया मामला पुलिस से जुड़ा था और इसमें कन्स्टेबल से लेकर आईपीएस स्तर के अधिकारी शामिल हैं, जिसकी वजह से पुलिस मुकदमा दर्ज करने में आनाकानी कर रही थी

नंदगंज थाने में एफआईआर कर ली गई दर्ज

अनिल सिंह फिर इसके खिलाफ हाईकोर्ट गये और अवमानना का वाद दायर किया, ऐसे में तीन महीने पहले कोर्ट ने मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया अनिल सिंह के अधिवक्ता मुन्नू लाल ने एफआईआर की पुष्टि करते हुए बताया कि आज हाई कोर्ट में अवमानना की सुनवाई होनी थी जिससे बचने के लिये कल नंदगंज थाने में एफआईआर दर्ज कर ली गई है

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