Ayodhya News : जानें किस जगह पर ली, आचार्य सत्येंद्र दास ने जल समाधि !

Acharya Satyendra Das Last Journey : उत्तर प्रदेश के जनपद अयोध्या से बड़ी खबर सामने आ रही हैं…जहां रामलला के मुख्य अर्चक रहे आचार्य सत्येंद्र दास की अंतिम यात्रा बृहस्पतिवार को अयोध्या स्थित उनके आवास से निकली और रामलला और हनुमानगढ़ी के दर्शन करते हुए सरयू नदी किनारे पहुंची। जहां तुलसीघाट पर उन्हें जलसमाधि दे दी गई।

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अंतिम यात्रा में हजारों की संख्या में उनके भक्त उमड़ पड़े। बता दें कि बुधवार को आचार्य सत्येंद्र दास का लखनऊ के पीजीआई में निधन हो गया था जिसके बाद अंतिम दर्शन के लिए उनका शव उनके आवास पर रखा गया था। जहां उन्हें श्रद्घांजलि देने का सिलसिला देर रात तक जारी रहा।

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34 साल तक रामलला की सेवा की..


आचार्य सत्येंद्र दास ढांचा विध्वंस से राम मंदिर निर्माण तक के साक्षी रहे हैं। रामलला की 34 साल सेवा की। आचार्य सत्येंद्र दास के साथ सहायक पुजारी के रूप में कार्य करने वाले प्रेमचंद्र त्रिपाठी बताते हैं कि बाबरी विध्वंस के समय रामलला समेत चारों भाइयों के विग्रह बचाने के लिए आचार्य उन्हें गोद में लेकर गए थे।

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वह टेंट में रामलला के दुर्दिन देखकर रोते थे। करीब चार साल तक अस्थायी मंदिर में विराजे रामलला की सेवा मुख्य
पुजारी के रूप में की। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के समय भी उनकी आंखों से खुशी के आंसू छलके थे।
स्वास्थ्य और बढ़ती उम्र के चलते उनके मंदिर आने-जाने पर कोई शर्त लागू नहीं थी। आचार्य सत्येंद्र दास ने साल
1975 में संस्कृत विद्यालय से आचार्य की डिग्री हासिल की।

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1976 में उन्हें अयोध्या के संस्कृत महाविद्यालय में सहायक शिक्षक की नौकरी मिली। रामलला की पूजा के लिए उनका
चयन 1992 में बाबरी विध्वंस के नौ माह पहले हुआ था। उनकी उम्र 87 हो चुकी थी, लेकिन रामलला के प्रति समर्पण
व सेवा भाव को देखते हुए उनके स्थान पर अन्य मुख्य पुजारी का चयन नहीं हुआ। आचार्य सत्येंद्र दास ने कुछ दिन पहले कहा था कि, मैंने रामलला की सेवा में लगभग तीन दशक बिता दिए हैं और आगे जब भी मौका मिलेगा तो बाकी जिंदगी भी उन्हीं की सेवा में बिताना चाहूंगा। यह रामलला के प्रति उनकी अगाध आस्था का परिचायक है।

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