कर्नाटक में महंगे हुए अंडों के दाम

बेंगलुरु में कीमतों में बढ़ोतरी से टीचर्स काफी गुस्से में हैं. राज्य सरकार की ओर से सरकारी स्कूल के बच्चों को अंडा दिया जा रहा है, जिसके लिए एक निश्चित दर तय है. लेकिन अब ऐसी स्थिति है कि अंडे की कीमत बढ़ गई है, जिस कारण से टीचर्स को उसकी बढ़ी हुई कीमत चुकानी पड़ रही है. टीचर्स की सैलरी अंडे के हुए दाम लिये जा रहे हैं. इसी वजह से टीचर काफी गुस्से में हैं.

कर्नाटक में पहले अंडे की कीमत 5.30 रुपये थी, लेकिन पिछले तीन-चार महीने में यह बढ़कर 6.80 रुपये हो गयी है. शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों के लिए प्रत्येक अंडे की खरीद के लिए 6 रुपये की कीमत निर्धारित की है. इसलिए, अगर इससे अधिक कीमत पर अंडा खरीदा जाता है, तो स्कूल के प्रिंसिपल को वह अतिरिक्त कीमत चुकानी होगी. इसके अलावा अंडे पकाने का खर्च भी स्कूल को ही देना होगा.

हफ्ते में छह दिन होगा अंडा
अंडे के महंगे होने की वजह से स्कूल के प्रिंसिपल और टीचर्स काफी परेशान हैं. क्योंकि वे महंगे अंडे नहीं खरीद सकते हैं. कई जगहों पर शिक्षक अंडे खरीदने के लिए दानदाताओं से संपर्क कर रहे हैं. पहले शिक्षा विभाग हफ्ते में सिर्फ दो दिन अंडा वितरण करता था, लेकिन हाल ही में अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के साथ समझौता के बाद हफ्ते में छह दिन अंडे दे रहे हैं. अजीम प्रेम जी फाउंडेशन से 1500 करोड़ रुपये का अनुदान मिला है.

नहीं हो पा रही आपूर्ति
इस वजह से स्कूलों में अंडे की मांग भी बढ़ गई है. लेकिन उसके अनुरूप आपूर्ति नहीं हो पा रही है. आपूर्ति की समस्या के अलावा, अंडे की कीमत भी बढ़ गई है, जिससे टीचर्स को फाइनेंशियल परेशानियां हो रही हैं. नई-नई योजना लाकर टीचर्स और प्रिंसिपल पर उसकी जिम्मेदारी थोपने से सभी लोग काफी गुस्से में हैं. उनका कहना है कि सरकार को टीचर्स और प्रिंसिपल के हितों के बारे में सोचना चाहिए.

Related Articles

Back to top button