अमेठी। सरकार जहां भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए आए दिन आला अफसरों को कडे निर्देश जारी करती रहती है वहीं विभाग के जिम्मेदार अधिकारी की लापरवाही का परिणाम है कि विकास कार्यों का बंटाधार होकर अंधेर नगरी चौपट राजा की कहानी चरितार्थ होकर भ्रष्टाचार चरम पर पहुंच चुका है ।
विकास खण्ड जगदीशपुर जहां समस्त नियम कानून कागजों में सिमट कर बंदरबांट का खेल जारी है भ्रष्टाचार की पोल यहां तब खुलती है जब अमेठी सासंद व जिलाधिकारी मामले में संज्ञान लेते हैं तब प्रधान व सचिवों के विरुद्ध एफ आई आर दर्ज कराई जाती है शेष शिकायती पत्रों की जांच के उपरांत मामले में लीपापोती करके ब्लाक में ही रफा दफा कर दिया जाता है ।
केस नम्बर एक- जून माह के अंतिम सप्ताह अमेठी दौरे पर आई सासंद स्मृति ईरानी को शिकायती पत्र मिलने पर पता चला कि मनरेगा व अन्य कल्याणकारी योजनाओ मे कागजी खानापूर्ति करके घोर घपला किया जा रहा है तब संबंधित विभाग के जिम्मेदार अफसरों को फटकार लगाते हुए रिपोर्ट दर्ज कराने का निर्देश देने पर ग्राम पंचायत हुसैनगंज कलां के प्रधान नन्हू व सेक्रेटरी धीरेन्द्र प्रताप सिंह तथा प्रतिनिधि मोनू के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई।
केस नम्बर दो – जुलाई के अंतिम सप्ताह जिलाधिकारी राकेश कुमार मिश्र के आकस्मिक निरीक्षण के दौरान गौशाला बगाही में अव्यवस्थाओ का अंबार पाया जहां चारा भूसा पानी समेत मूलभूत सुविधाओ का टोटा मिलने पर जमकर जिम्मेदारों को फटकार लगाते हुए उनके विरुद्ध एफ आई आर दर्ज कराने के निर्देश पर पच्चीस जुलाई को एडीओ पंचायत साधु शरण की तहरीर पर दोबारा सेक्रेटरी धीरेन्द्र प्रताप सिंह व बगाही प्रधान मोहम्मद कैश तथा पशु चिकित्सक के विरुद्ध एफ आई आर दर्ज की गई।
केस नम्बर तीन- गत माह सत्रह जुलाई को ग्राम प्रधान बढौली के पूर्व प्रधान नरेंद्र बहादुर सिंह व अन्य ग्रामीणों द्वारा जिलाधिकारी मुख्यमंत्री व अन्य उच्च अधिकारियों को शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया कि मेरी ग्राम पंचायत के मौजूदा ग्राम प्रधान नाली व खडंजा मरम्मत के नाम पर पूर्व वर्षो में ही पैसा निकाल कर बंदरबांट कर लिया अभी तक नाली का निर्माण नहीं हो सका मामला तूल पकडने पर ब्लाक कर्मी मौके पर जाँच करने पहुंचे तब नाली का निर्माण प्रारंभ हुआ जिम्मेदार अधिकारी जांच हो रही की बात कहकर अपना पल्ला झाडते रहे तब तक नाली का निर्माण पूरा कर लिया गया मामले मे अंतोगत्वा लीपापोती कर रफा दफा कर दिया गया ।गौरतलब हो कि कहां तक अमेठी सासंद व जिलाधिकारी भ्रष्टाचार की जांच कर रिपोर्ट दर्ज कराते रहेंगे। जब आला अधिकारियो के जांच करने पर कार्रवाई सुनिश्चित होगी तो विभाग के जिम्मेदार अधिकारी अपना क्या फर्ज निभाएगे यह सोचने का विषय है ।