इमलिया सुल्तानपुर-सीतापुर/महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है। लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही और कमीशन खोरी की वजह से यह भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुका है। ना तो मजदूर को रोजगार मिल रहा है और बिना काम करायें लाखों का भुगतान हो रहा है। विकासखंड में कार्यरत जिम्मेदारों की मिली भगत से सरकारी धन का जमकर बंदर बांट हो रहा है। मामला विकासखंड ऐलिया के ग्राम सभा शेरपुर का है जहां एक परियोजना पर दो सेट में मास्टर रोल जारी किया गया है। देवरिया संपर्क मार्ग से भानु प्रताप की बाग तक मिट्टी पटाई कर नमक परियोजना पर 14 मजदूरों की हाजिरी मास्टर रोल में लग रही है। जबकि मौके पर दो ही मजदूर काम करते मिले और जिन लोगों की हाजिरी लगा रही है वह काम पर नहीं आते। उनकी केवल फर्जी हाजिरी लगा रही है इस तरह मनरेगा योजना में बिना काम करायें मजदूरों की फर्जी हाजिरी लगाकर लाखों का भुगतान कराया जा रहा है। जिसकी वजह से वास्तविक मजदूरों को कहीं काम नहीं मिल रहा है।
परियोजना पर टी ए बिना मौके पर गए ऑफिस में बैठे-बैठे उन परियोजनाओं की वकायदा एमबी कर फाइलों को भुगतान के लिए भेज देते हैं।फाइलों में बने एस्टीमेट के अनुसार वहां कार्य नहीं होता है और इस तरह सरकारी धन का जमकर बंदर बांट हो रहा है इसके बारे में जब विकासखंड अधिकारी शैलेंद्र सिंह से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया इसकी हमें जानकारी नहीं है थी आपके द्वारा जानकारी मिली है अभी सचिव को भेज कर कार्य दिखवाकर उचित कार्रवाई की जाएगी।