नई दिल्ली। भारतीय संविधान को अंगीकार करने के 75 साल पूरे होने के मौके पर विपक्षी कांग्रेस आज से “भारत जोड़ो संविधान अभियान शुरू करेगी।
इस अभियान की शुरुआत आज से होगी और अगले साल 26 जनवरी 2025 तक चलेगी। 26 जनवरी को नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में एक भव्य रैली के साथ इस अभियान का समापन होगा, जिसमें मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी भी शामिल होंगे।
हरियाणा के पूर्व मंत्री और कांग्रेस ओबीसी विभाग के राष्ट्रीय चेयरमैन कैप्टन अजय यादव ने 20 नवंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी थी। उन्होंने बताया था कि अभियान की शुरुआत दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आज यानी 26 नवंबर को होगी।
संविधान की अहमियत पर जोर देते हुए कैप्टन अजय यादव ने कहा था कि यह दिन भारतीय लोकतंत्र और हमारे अधिकारों की रक्षा के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। अभियान के तहत देशभर में जागरूकता फैलाई जाएगी और संविधान के महत्व से लोगों को अवगत कराया जाएगा।
केंद्र सरकार और आरएसएस पर आरोप लगाते हुए उन्होंने यह भी कहा था कि आरएसएस ने कभी भी भारतीय संविधान की बात नहीं की और न ही उन्होंने इस संविधान को पूरी तरह से अपनाया। उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में देश की संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग हो रहा है, जो संविधान के सिद्धांतों के खिलाफ है।
उन्होंने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), आयकर विभाग और अन्य संवैधानिक संस्थाओं के दुरुपयोग के उदाहरण देते हुए कहा था कि इन संस्थानों का इस्तेमाल राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ किया जा रहा है। अजय यादव का कहना था कि इन संस्थाओं का उद्देश्य स्वतंत्रता और निष्पक्षता होनी चाहिए, लेकिन आज इनका दुरुपयोग सत्ता की राजनीतिक मंशाओं को पूरा करने के लिए किया जा रहा है।
कई नेताओं के खिलाफ लगे मुकदमों का उदाहरण देते हुए कांग्रेस नेता ने कहा था कि जब ये नेता भाजपा से जुड़ जाते हैं, तो उनके खिलाफ चल रहे मामले अचानक बंद हो जाते हैं। उन्होंने कहा था कि चंद्र नारायण गाने, प्रफुल्ल पटेल, हेमंत विश्वास और अजित पवार जैसे नेताओं के खिलाफ कई मामले थे, लेकिन जैसे ही वे भाजपा के साथ जुड़े, इन मामलों पर कार्रवाई बंद हो गई।
कैप्टन यादव ने यह भी कहा था कि वर्तमान सरकार ने निर्वाचन आयोग और अन्य संवैधानिक संस्थाओं को अपने नियंत्रण में कर लिया है। उन्होंने विशेष रूप से चुनाव आयोग की स्वतंत्रता पर सवाल उठाते हुए कहा था कि वर्तमान सरकार ने अपनी बहुमत के बल पर चुनाव आयोग की नियुक्ति प्रक्रिया में हस्तक्षेप किया और मुख्य न्यायाधीश को बाहर कर दिया। इसके अलावा, उन्होंने कहा था कि झारखंड और महाराष्ट्र में चुनावों के दौरान पुलिस प्रमुख (डीजीपी) को बदलने का निर्णय लिया गया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि चुनावों में निष्पक्षता नहीं है और सत्ता के खिलाफ किसी भी विरोध को दबाने के लिए संस्थाओं का दुरुपयोग हो रहा है।
संविधान के सिद्धांतों की रक्षा की आवश्यकता पर बल देते हुए अजय यादव ने कहा था कि भारतीय संविधान समानता की बात करता है, लेकिन आज भी वर्ण व्यवस्था और आरएसएस की विचारधारा की ओर से समाज में असमानता बढ़ाई जा रही है। संविधान की मूल अवधारणाओं को बनाए रखने और उन्हें लागू करने की आवश्यकता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा था कि हर भारतीय को समान अधिकार मिलना चाहिए।