दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी तपिश गर्म है. 11 साल से दिल्ली में सत्ता का वनवास झेल रही कांग्रेस 2025 के विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल को वॉकओवर देने के मूड में नहीं है. कांग्रेस के द्वारा उठाए जा रहे कदम से साफ है कि उसे दिल्ली की सत्ता में बीजेपी और या अन्य किसी के आने से ज्यादा चिंता अपने खिसके हुए जनाधार को वापस पाने की है. ऐसे में कांग्रेस एक के बाद एक मजबूत कदम उठा रही है और खुलकर आम आदमी पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है.
केंद्रशासित दिल्ली में विधानसभा की बहाली का कदम कांग्रेस ने 1991 में उठाया था. साल 1993 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस भले ही जीत नहीं सकी, लेकिन 1998 से 2013 तक दिल्ली पर राज किया. 15 साल तक शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री रही. अरविंद केजरीवाल के सियासी पिच पर उतरने के बाद से कांग्रेस दिल्ली की सत्ता से ऐसा बाहर हुई की आजतक वापसी नहीं कर सकी. इतना ही नहीं कांग्रेस 2015 और 2020 के चुनाव अपना खाता तक नहीं खोल सकी. ऐसे में कांग्रेस दिल्ली में होने वाले 2025 विधानसभा चुनाव के लिए फुल एक्टिव और किसी तरह की कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है. यह बात कांग्रेस के द्वारा उठाए जा रहे कदमों से साफ नजर आ रहा है, जिसके जरिए उसके चुनावी मंशा को समझा जा सकता है.
AAP के दिग्गजों के खिलाफ मजबूत प्रत्याशी
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के दिग्गज नेताओं के खिलाफ कांग्रेस अपने मजबूत प्रत्याशी को उतारकर साफ संदेश दे दिया है कि इस बार वो किसी भी सूरत में वॉकओवर नहीं देने वाली. कांग्रेस ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नई दिल्ली सीट से संदीप दीक्षित पर दांव खेला है. संदीप दीक्षित दिल्ली के पूर्व सीएम शीला दीक्षित के बेटे हैं. शीला तीन बार नई दिल्ली सीट से विधायक रह चुकी हैं और संदीप दीक्षित भी दो बार दिल्ली से लोकसभा सांसद रह चुके हैं. इतना ही सीएम आतिशी के खिलाफ कालकाजी सीट से भी मजबूत प्रत्याशी उतारने की तैयारी है, जिसके लिए अलका लांबा को पहले चुनाव लड़ाने की तैयारी थी, लेकिन उनके कदम खींचने के बाद अब नए और मजबूत प्रत्याशी की तलाश में है.
कांग्रेस ने केजरीवाल ही नहीं बल्कि मनीष सिसोदिया जैसे नेता के खिलाफ भी जंगपुरा सीट से फरहाद सूरी जैसे नेताओं को उतारा है. फरहाद सूरी इस सीट के तहत आने वाली निजामुद्दान वार्ड से 1996 से पार्षद हैं. मुस्लिम और पंजाबी वोटों पर सूरी की मजबूत पकड़ मानी जाती है. ऐसे ही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव बादली सीट उतारा गया. पटपड़गंज सीट पर अवध ओझा के खिलाफ कांग्रेस ने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व विधायक चौधरी अनिल कुमार पर दांव लगाया है. दिल्ली सरकार में मंत्री इमरान हुसैन के खिलाफ बल्लिमरान सीट पर कांग्रेस ने हारून युसूफ को उतारा है. सुल्तानपुर माजरा सीट से कांग्रेस ने जय किशन को उतारा है, जो पार्टी के दिल्ली में दलित चेहरा माने जाते हैं. मटियामहल सीट पर शोएब इकबाल के बेटे के खिलाफ कांग्रेस ने मो. आसिम को उतारा है तो बाबरपुर सीट पर गोपाल राय के खिलाफ कांग्रेस ने हाजी इशराक को टिकट देकर मुस्लिम दांव चला है.
केजरीवाल के खिलाफ कांग्रेस ने खोला मोर्चा
दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी के खिलाफ कांग्रेस ने खुला मोर्चा खोल दिया है. कांग्रेस ने मंगलवार को दिल्ली में आम आदमी पार्टी और बीजेपी को घेरने के लिए बकायदा एक श्वेत पत्र जारी किया. कांग्रेस के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष अजय माकन ने अरविंद केजरीवाल सरकार के खिलाफ बिगुल फूंकते हुए दिल्ली की मौजूदा सरकार के मुखिया अरविंद केजरीवाल को ‘फर्जीवाल’का तमगा दिया. उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता को केजरीवाल और केंद्र की सरकार दोनों ने ही धोखा दिया है. कांग्रेस ने श्वेत पत्र के जरिए दिल्ली के विकास कार्यों, स्वास्थ्य, शिक्षा और आधारभूत संरचनाओं में सरकार की विफलताओं को उजागर किया गया है.
अजय माकन ने श्वेत पत्र जारी करते हुए एक कविता भी सुनाई, जिसमें केजरीवाल सरकार और केंद्र सरकार विफलताओं को दर्शाया गया है. ‘मौका-मौका हर बार धोखा,कोरोना काल में लगा रहा लाशों का अंबार, बस सेंट्रल विस्टा और शीश महल पर बरसा प्यार, 1780 करोड़ की पेंशन बुजुर्गों की भुलाई,झुग्गियों पर बुलडोजर, 2.80 लाख हुए बेघर, अस्पतालों में डॉक्टर नहीं, जुमलों का जंजाल, बारिश में डूबी दिल्ली, सड़कों पर तालाब,भ्रष्टाचार बना धंधा, बिजली-पानी महंगा, दस साल गुजर गए…इस तरह कांग्रेस ने दिल्ली में केजरीवाल के खिलाफ खुली जंग छेड़ दी है.
केजरीवाल के खिलाफ दर्ज कराई एफआईआर
यूथ कांग्रेस ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी की संजीवनी योजना और महिला सम्मान योजना को लेकर पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दिल्ली पुलिस को शिकायत दी है. यूथ कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अक्षय लाकरा ने कहा कि हमने पार्लियामेंट पुलिस स्टेशन में केजरीवाल के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी करने को लेकर शिकायत की हैय उन्होंने कहा कि जब सरकार के विभाग इन दो स्कीम से इनकार कर रहे हैं, तब AAP ऐसे कैसे दावा कर सकती है. केजरीवाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराए जाने को लेकर आम आदमी पार्टी के नेताओं में कांग्रेस को लेकर नाराजगी जाहिर की है. इतना ही नहीं सीएम आतिशी और सांसद संजय सिंह ने बकायदा प्रेस कॉफ्रेंस करके कांग्रेस पर हमले किए. इस तरह से कांग्रेस और आम आदमी पार्टी आमने-सामने हैं.
केजरीवाल को समर्थन करना कांग्रेस की भूल
अजय माकन ने कहा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी का समर्थन और गठबंधन करना हमारी भूल थी, जिसकी सजा आज दिल्ली वाले भुगत रहे हैं. इसी वजह से आज कांग्रेस भी कमजोर हुई है, जिसे सुधारना बहुत जरूरी है. दिल्ली की दुर्दशा और कांग्रेस कमजोर इसलिए हुई है, क्योंकि हमने 2013 में आप की सरकार का 40 दिनों के लिए समर्थन किया था. इसके बाद दिल्ली में 2024 के लोकसभा चुनाव में केजरीवाल के साथ गठबंधन करके दोबारा भूल थी.
माकन ने कहा कि केजरीवाल जैसे व्यक्ति पर भरोसा किया जा सकता. केजरीवाल राजनीति में अपनी सियासी महत्वाकांक्षा पूरी करने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं. उनकी अपनी कोई विचारधारा नहीं है, जो पार्टी जरूरत पड़ने पर 370 के मामले में बीजेपी के साथ खड़ी हुई, यूनिफॉर्म सिविल कोड पर, सीएए के मामले में वो बीजेपी के साथ खड़ी हुई, उस पर भरोसा नहीं किया जा सकता है. इस तरह माकन ने यह बताने की कोशिश की केजरीवाल और बीजेपी एक ही है. इस बहाने मुस्लिमों को सियासी संदेश देते नजर आए.