बुलंदशहर। जिलाधिकारी न्यायालय में सोमवार को नामांकन-पत्र वापसी प्रक्रिया के दौरान किसी भी प्रत्याशी ने नामांकन-पत्र वापस नहीं लिया। अब भाजपा, आइएनडीआइए गठबंधन से कांग्रेस व बसपा समेत छह प्रत्याशियों के बीच मुकाबला होगा। राजनीतिक दलों के साथ ही निर्दलीय प्रत्याशियों को चुनाव चिह्न का आवंटन कर दिया गया है। प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार में ताकत झोंक दी है।
बुलंदशहर लोकसभा सुरक्षित सीट के लिए नामांकन प्रक्रिया के तहत सोमवार को नामांकन-पत्र वापस लेने की तिथि निर्धारित थी, लेकिन किसी भी प्रत्याशी ने नामांकन-पत्र वापस नहीं लिया। सांसद एवं भाजपा प्रत्याशी डा. भोला सिंह, आइएनडीआइए प्रत्याशी शिवराम वाल्मीकि, नगीना के सांसद एवं बसपा प्रत्याशी गिरीश चंद्र तथा ऋषिवादी कर्मशील युवा परमार्थी पार्टी के राजेश तुरैहा समेत निर्दलीय उम्मीदवार सोनम भारती व प्रदीप कुमार समेत छह प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं।
अब इन प्रत्याशियों के बीच मुकाबला होगा। बुलंदशहर लोकसभा सीट के लिए 28 अप्रैल से चार अप्रैल तक नामांकन प्रक्रिया के दौरान दस लोगों ने नामांकन किया था। पांच अप्रैल को नामांकन-पत्रों की जांच की गई थी। जांच में चार उम्मीदवारों के नामांकन-पत्र गलत पाने के कारण के कारण निरस्त हो गए थे। छह उम्मीदवारों के नामांकन-पत्र वैध पाए गए थे।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने निर्दलीय प्रत्याशियों को चुनाव चिह्न का आवंटित कर दिए। 26 अप्रैल को मतदान होगा। चार जून को मतगणना कराई जाएगी। पिछले लोकसभा चुनाव 2019 की बात करें, तो भाजपा से डा.भोला सिंह, बसपा से योगेश वर्मा व कांग्रेस से बंसी पहाड़िया मैदान में थे। डा. भोला सिंह ने बसपा के योगेश वर्मा को हराकर जीत हासिल की थी। लगातार तीसरी बार भाजपा से डा. भोला सिंह मैदान में हैं। वहीं कांग्रेस के प्रत्याशी शिवराम वाल्मीकि पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। बसपा ने नगीना सांसद गिरीश चंद पर दांव लगाया है।
नामांकन-पत्र वापसी की प्रक्रिया के दौरान किसी भी प्रत्याशी ने नामांकन पत्र वापस नहीं लिया। छह प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। निर्दलीय उम्मीदवारों को चुनाव चिह्न का आवंटन कर दिया गया है। – चंद्रप्रकाश सिंह, जिला निर्वाचन अधिकारी