नगर पालिका अध्यक्ष के साथ सीएमओ ने किया संक्रमित वार्डों का पैदल भ्रमण

स्वास्थ्य टीमों द्वारा कराई गई जांच, नहीं मिले डेंगू और मलेरिया के मरीज

लखीमपुर खीरी। नगर पंचायत मैलानी में डेंगू मलेरिया फैलने की सूचना के बाद सीएमओ डॉ संतोष गुप्ता ने अध्यक्ष नगर पंचायत मैलानी कीर्ति महेश्वरी के साथ प्रभावित क्षेत्र का दौरा किया। इस दौरान उनके साथ एसीएमओ डॉ अनिल कुमार गुप्ता और डीएमओ मौजूद रहे।

सीएमओ डॉ संतोष गुप्ता ने बताया कि समाचार पत्रों व अन्य माध्यमों से मैलानी क्षेत्र के कई वार्ड में डेंगू और मलेरिया के फैलने और उनसे मृत्यु होने की खबरें संज्ञान में आई हैं। इसके बाद तत्काल स्वास्थ्य टीमों को प्रबंधन हेतु निर्देशित कर दिया गया है। इसके बाद उन्होंने नगर पंचायत अध्यक्ष कीर्ति माहेश्वरी के साथ वार्ड नंबर 1 व 2 और वार्ड नंबर 6 का पैदल भ्रमण किया। उनके द्वारा क्षेत्र में 6 घरों में पहुंच कर जांच की गई। जहां पर पांच टाइफाइड से पीड़ित बच्चे मिले। उन्होंने बताया कि अभी तक वार्ड नंबर 9 में 70 मरीज देखे गए हैं। जिनमें 20 की जांच की गई है और पांच टाइफाइड से पीड़ित मिले हैं। इसमें एक भी डेंगू और मलेरिया से पीड़ित मरीज नहीं मिला है। वहीं वार्ड नंबर 1 व 2 और 5 में स्वास्थ्य टीमों द्वारा 86 मरीज देखे गए हैं, जिनमें 20 की जांच की गई है। इसमें डेंगू और मलेरिया से पीड़ित एक भी मरीज नहीं मिला है।

वहीं संदिग्ध डेंगू के मरीजों की एलाइजा टेस्ट कराने के आदेश दिए। साथ ही उन्होंने बताया कि क्षेत्र में टाइफाइड व वायरल फीवर के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। जिसको लेकर स्वास्थ्य टीमों को तैनात कर दिया गया है। साथ ही क्षेत्र में जांच कराई जा रही है, दवाओं का वितरण किया जा रहा ह। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर दवाओं एवं जांच की पर्याप्त व्यवस्था है। साथ ही उन्होंने कहा कि लोग संक्रमण से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतें तो बेहद अच्छा रहेगा। पानी को उबालकर पिए, सब्जियों को धोकर खाएं, साफ सफाई की व्यापक और पर्याप्त व्यवस्था रखे, आसपास गंदा पानी जमा न होने दें। अगर कहीं पर पानी जमा हुआ है तो वहां पर एंटी लारवा का छिड़काव कराएं।

आवश्यकता पड़ने पर स्थानीय सीएचसी पीएचसी पर भी अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि प्लेटलेट्स का गिरना डेंगू या मलेरिया की पुष्टि नहीं है, अगर प्लेटलेट्स 20 या 25 हजार से कम हो जाती हैं, तभी किसी तरह का खतरा होता है। हालांकि वायरल फीवर या टाइफाइड सहित अन्य किसी भी तरह की समस्या होने पर लोगों को तत्काल चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। झोलाछाप के इलाज से परहेज करना चाहिए। साथ ही आसपास रहने वाले लोगों को भी इसे लेकर जागरूक करने की आवश्यकता है। इस दौरान उनके साथ एसीएमओ डॉ अनिल कुमार गुप्ता, डीएमओ हरिशंकर वर्मा और अधीक्षक सीएचसी मैलानी भी मौजूद है।

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