- आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर बीपी और शुगर और कैंसर की स्क्रीनिंग आरआई, वीएचएनडी, वीएच एसएनसी, ई संजीवनी इत्यादि जांचों का ग्रामीणों को नहीं मिल रहा लाभ
निष्पक्ष प्रतिदिन /बीकेटी,लखनऊ
ग्रामीणों की सेहत को लेकर सरकार सचेत है। ऐसे में सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों को घर के पास तत्काल और नि:शुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आयुष्मान आरोग्य मंदिर स्थापित किया।पहले इसका नाम हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर था।कहने को वर्तमान समय में सभी आयुष्मान आरोग्य मंदिर संचालित है। मगर राजधानी के बीकेटी क्षेत्र के इटौंजा के सरांय उसरना गांव में स्थापित आयुष्मान आरोग्य मंदिर से पुजारी यानी कि सीएचओ विगत कई महीनों से गायब हैं।जिससे सरांय उसरना गांव के लोगों को घर के समीप ही स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के सरकारी उद्देश्य पर पानी फिरता नजर आ रहा है। सीएचओ की लापरवाही के कारण सरकार की योजना विफल साबित हो रही है, और मरीजों का इस आयुष्मान आरोग्य मंदिर से मोहभंग हो रहा है।
सरांय उसरना गांव के दर्जनों ग्रामीणों ने बताया कि योगी सरकार ने आम जनता को तत्काल स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से सराय उसरना में आयुष्मान आरोग्य मंदिर स्थापित कराया था। सरकार के द्वारा आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर सीएचओ को इसलिए तैनात किया गया था, कि ग्रामीणों एवं जनमानस को सरकार के द्वारा चलाई जा रही सभी स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ आसानी से मिल सके।लेकिन सराय उसराना के आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर कार्यरत सीएचओ जूही तिवारी महीनों सेंटर पर उपस्थित नहीं रहती हैं।जबकि आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर उनको रोजाना उपस्थिति रहकर उनके द्वारा क्षेत्रीय जनता को सरकार द्वारा चलाई गई सभी स्वास्थ्य सुविधाओं का जैसे बीपी और शुगर और कैंसर की स्क्रीनिंग आरआई, वीएचएनडी, वीएच एसएनसी, ई संजीवनी इत्यादि जांचों का लाभ दिया जाना चाहिए जो इनके द्वारा नियमानुसार नहीं दिया जा रहा है,वहीं साथ ही ज़ब कभी दिखावे के लिए आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर आती हैं, तो सीएचओ द्वारा असभ्य भाषा एवं ऊंची आवाज में बात कर मरीजों को भगा दिया जाता है। यह कहा जाता है, कि सीएचसी पर जाकर दिखाओ यहां न आया करो।
ग्रामीणों की शिकायत पर निष्पक्ष प्रतिदिन ने बुधवार को आयुष्मान आरोग्य मंदिर का निरीक्षण किया। तो ग्रामीणों की शिकायत सत्य पाई गई।निरीक्षण में पाया गया कि सीएचओ जूही तिवारी आयुष्मान आरोग्य मंदिर से अनुपस्थित थी।ग्रामीणों ने बताया कि सरकार हर महीने इस आयुष्मान आरोग्य मंदिर के भवन के लिए तीन हजार रुपए प्रतिमाह किराए के रूप में खर्च करती है।और सीएचओ लगातार दो से तीन वर्ष से यही पर तैनात है,जब की यहां पर यह भी मौके पर पाया गया,कि आयुष्मान आरोग्य मंदिर में कोई भी कुर्सी और दवाई या किसी प्रकार के टेस्ट की जगह तक नहीं बनाई गई है।जबकि मकान मालिक उसी घर में सोते है, जिसको आयुष्मान आरोग्य मंदिर के लिए रेंट पर लिया गया है। इस तरह की सीएचओ द्वारा की गई व्यवस्था से इस आयुष्मान आरोग्य मंदिर से जनमानस को नहीं बल्कि सरकार को गुमराह कर मकान मालिक और सीएचओ को लाभ उठाया जा रहा है।
जिम्मेदार बोले
सीएचओ जूही तिवारी के संबंध में शिकायत मिली थी। जिसको लेकर पूर्व में स्पष्टीकरण पत्र जारी किया जा चुका है, और समस्त कार्य के भौतिक सत्यापन हेतु तीन सदस्यीय टीम गठित कर दी गई है। परंतु सीएचओ जूही तिवारी अब तक जांच टीम के समक्ष प्रस्तुत नहीं हुई है, और ना ही स्पष्टीकरण का जवाब दिया है। उपरोक्त के बारे में विष्णु यादव डीसीपीएम और संबंधित उच्च अधिकारियों को पत्र के माध्यम से अवगत करा दिया गया है।
डा. जेपी सिंह
अधीक्षक
सीएचसी इटौंजा