नई दिल्ली। आज यानी 27 जुलाई को नीति आयोग की नौवीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक है। इस मीटिंग की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। नीति आयोग की इस महत्वपूर्ण बैठक में कई राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हो रहे हैं।
सभी बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्री बैठक में हिस्सा लेंगे। वहीं, विपक्षी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इस बैठक का बहिष्कार किया है। हालांकि, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बैठक में शामिल होने के लिए दिल्ली पहुंच चुकी हैं। एनडीए के सहयोगी बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अभी तक अपनी बैठक में शामिल होने पुष्टि नहीं की है।
दिल्ली में राज्यों के मुख्यमंत्रियों का जमावड़ा रहेगा
राजधानी दिल्ली में आज राज्यों के मुख्यमंत्रियों का जमावड़ा रहेगा। मीटिंग के लिए धीरे-धीरे राज्यों के मुख्यमंत्री पहुंचने लगे हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी आदि बैठक के लिए पहुंच चुके हैं।
गवर्निंग काउंसिल नीति आयोग का शीर्ष निकाय
बता दें कि नीति आयोग की इस बैठक में साल 2047 तक भारत को विकसित देश बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। गवर्निंग काउंसिल नीति आयोग की शीर्ष निकाय है। इसमें सभी राज्यों के मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल और कई केंद्रीय मंत्री शामिल हैं।
अमित शाह और राजनाथ सिंह राष्ट्रपति भवन पहुंचे
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह नीति आयोग की 9वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक में भाग लेने के लिए राष्ट्रपति भवन सांस्कृतिक केंद्र पहुंच गए हैं।
मैं बोल रही थी तो मेरा माइक बंद कर दिया- सीएम
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नाराज होकर नीति आयोग की मीटिंग से बाहर आ गईं। उन्होंने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, “मैं बोल रही थी, मेरा माइक बंद कर दिया गया। मैंने कहा कि आपने मुझे क्यों रोका, आप भेदभाव क्यों कर रहे हैं। मैं बैठक में भाग ले रही हूं, आपको खुश होना चाहिए, इसके बजाय आप अपनी पार्टी और अपनी सरकार को और अधिक समय दे रहे हैं। विपक्ष से केवल मैं ही हूं और आप मुझे बोलने से रोक रहे हैं… यह न केवल बंगाल का अपमान है, बल्कि सभी क्षेत्रीय दलों का भी अपमान है।”
मुझे बोलने नहीं दिया गया- सीएम ममता
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नीति आयोग की बैठक से बाहर निकलने के बाद कहा कि मीटिंग में उनका अपमान हुआ है। उन्होंने कहा, “मैंने कहा कि आपको (केंद्र सरकार) राज्य सरकारों के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए। मैं बोलना चाहती थी लेकिन मुझे सिर्फ 5 मिनट ही बोलने की इजाजत मिली। मुझसे पहले जिन लोगों ने बोला वह 10-20 मिनट तक बोले। विपक्ष की तरफ से मैं अकेली इस बैठक में हिस्सा ली, लेकिन फिर भी मुझे बोलने की अनुमति नहीं दी गई। यह अपमानजनक है।”