लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिल्ली में लगातार नेताओं से मिल रहे हैं। दरअसल, नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के शपथ ग्रहण समारोह के बाद दिल्ली में राजनीतिक पारा हाई है। समारोह में भाग लेने सीएम योगी भी दिल्ली पहुंचे थे। रविवार रात को हुए शपथ ग्रहण समारोह के बाद सीएम योगी ने सोमवार की सुबह सीनियर नेताओं से मुलाकात की। उन्होंने सबसे पहले अमित शाह से मुलाकात की। अमित शाह नई मोदी सरकार में एक बार फिर कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ले चुके हैं। उनके शपथ ग्रहण के बाद सीएम योगी की पहली मुलाकात है। सीएम योगी ने अमित शाह को नए मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री बनने की बधाई दी है।
मोदी सरकार में मंत्री बनने के बाद भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से भी सीएम योगी ने मुलाकात की। दोनों बड़े नेताओं से मुलाकात के बाद अमित शाह नितिन गडकरी और राजनाथ सिंह से भी मुलाकात कर रहे हैं। इन मुलाकातों को लेकर दिल्ली से लेकर लखनऊ तक की राजनीति में हलचल तेज हो गई है। हालांकि, सीएम योगी आदित्यनाथ की मुलाकातों को राजनीतिक तौर पर नहीं देखा जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि सीएम योगी तमाम नेताओं से औपचारिक मुलाकात कर रहे हैं। दरअसल, डबल इंजन सरकार के तौर पर केंद्र और यूपी सरकार को आगे बढ़ाने की रणनीति के तहत इन मुलाकातों को देखा जा रहा है।
क्यों है चर्चा का बाजार गर्म?
यूपी में लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान भाजपा का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है। प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से भाजपा के पाले में महज 33 सीटें आई हैं। भाजपा के सहयोगी के तौर पर रालोद ने 2 और अपना दल एस ने एक सीट पर जीत दर्ज की है। वहीं, विपक्षी गठबंधन को 43 सीटों पर जीत मिली है। इंडिया गठबंधन के तहत सपा को 37 और कांग्रेस को 6 सीटों पर जीत मिली है। एक सीट आजाद समाज पार्टी को गई है। ऐसे में यूपी के भाजपा चेहरे के तौर पेश किए गए सीएम योगी आदित्यनाथ को लेकर कयासबाजियां जारी हैं।
इन नेताओं से मुलाकात का क्या अर्थ?
भाजपा के सीनियर नेताओं से मुलाकात को राजनीतिक तौर पर अलग एंगल से देखा जा रहा है। हालांकि, इसे योगी की यूपी को लेकर प्लानिंग के रूप में भी पेश किया जा रहा है। जानिए किन नेताओं से हुई है मुलाकात…
अमित शाह: मोदी 3.0 सरकार में एक बार फिर अमित शाह कैबिनेट मंत्री बनाए गए हैं। पिछली सरकार के दौरान वे केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री रहे थे। माना जा रहा है कि एक बार फिर वे इसी प्रकार का मजबूत पोर्टफोलियो पाएंगे। ऐसे में सीएम योगी उनसे आगे भी पिछले सरकारों की तौर पर सहयोग की उम्मीद करते दिख रहे हैं।
राजनाथ सिंह: राजनाथ सिंह यूपी की लखनऊ सीट से सांसद हैं। पिछली सरकार में रक्षा मंत्री रहे थे। भाजपा के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं। इस बार भी उन्हें मजबूत पोर्टफोलियो मिलना तय है। ऐसे में सीएम योगी की मुलाकात को अलग नजरिए से देखा जा रहा है।
जेपी नड्डा: जेपी नड्डा अभी भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष हैं। 2014 के बाद दूसरी बार वे मोदी मंत्रिमंडल का हिस्सा बने हैं। ऐसे में सीएम योगी की मुलाकात को अलग नजरिए से देखा जा रहा है।
नितिन गडकरी: सीएम योगी आदित्यनाथ ने नितिन गडकरी से मुलाकात की है। नितिन गडकरी भाजपा के पूर्व अध्यक्ष हैं। नरेंद्र मोदी के तीनों कार्यकाल में वे कैबिनेट मंत्री रहे हैं। पथ परिवहन मंत्री के कार्यकाल में वे यूपी पर विशेष नजर रखे हुए थे। दोनों नेताओं की केमिस्ट्री भी बेहतर है। ऐसे में इस बार उन्हें जो पोर्टफोलिया मिलेगा, उसमें यूपी को लाभ मिले, इस नजर से देखा जा रहा है।
एक्शन में दिख रहे हैं योगी
यूपी में भले ही भाजपा को बड़ा झटका लगा है, लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। प्रदेश में बेहतर कानून व्यवस्था के आधार पर लगातार दूसरी बार सरकार बनाने वाले सीएम योगी ने एक बार फिर मुद्दों पर फोकस किया है। अपराधियों के खिलाफ एक्शन लगातार हो रहा है। एनकाउंटर्स की संख्या बढ़ गई है। वहीं, विकास योजनाओं के जरिए वे लोगों के बेहतर जीवन स्तर की योजना पर काम करते दिख रहे हैं।