पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को विधानसभा में विपक्षी सदस्यों द्वारा उनके खिलाफ ‘मुर्दाबाद’ के नारे लगाये जाने पर भड़क गए। बिहार विधानसभा में आज की कार्यवाही शुरू होने के 30 मिनट के भीतर ही विपक्ष ने एक भाजपा विधायक द्वारा मंगलवार को कथित तौर पर असंसदीय शब्दों का प्रयोग किये जाने के मुद्दे पर उनसे माफी की मांग करते हुए हंगामा करना शुरू कर दिया। कई विपक्षी सदस्य वेषम में आ गए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। सदन अध्यक्ष नंद किशोर यादव ने सभी से अपनी सीट पर लौटने की अपील की, लेकिन उसे भी अनसुनी कर दिया।
विपक्षी के ‘‘मुख्यमंत्री मुर्दाबाद’’ के नारे पर कुमार अपनी सीट से खड़े हो गये और जमकर भड़ास निकाली। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाते रहो। मैं तुम्हें जिंदाबाद कहूंगा। लेकिन याद रखना अगले चुनाव में आप में से ज्यादातर लोग फिर से निर्वाचित नहीं हो पाएंगे। तब आप अपना समय अपने निर्वाचन क्षेत्रों में शोर मचाने में बिता सकते हो।’’ जनता दल यूनाइटेड (जद-यू) अध्यक्ष ने कहा, ‘‘ हमारी सरकार ने बहुत कुछ किया है। लेकिन आप लोग जब भी सत्ता में आए गलत काम किए। मैं सब कुछ ठीक करने जा रहा हूं।’’ नीतीश कुमार पिछले माह राष्ट्रीय जनता दल के नेतृत्व वाले महागठबंधन से नाता तोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रित गठबंधन (राजग) में लौट आए थे। कुमार ने अपर मुख्य सचिव केके पाठक को हटाने की मांग पर भी आपत्ति जताई। मुख्यमंत्री ने एक दिन पहले आदेश दिया था कि शिक्षा विभाग द्वारा पूर्व में निर्धारित स्कूल का समय सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे के बजाय सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक किया जाए। विपक्षी सदस्यों ने दावा किया था कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के.के. पाठक ने मुख्यमंत्री द्वारा सदन के भीतर दिये गए आश्वासन की अवहेलना की है। मुख्यमंत्री ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा, ‘‘ आप एक अधिकारी को हटाने की मांग कर रहे हैं। क्या आपको ऐसा करने का अधिकार है? आप सबसे ईमानदार अधिकारी को स्थानांतरित कराना चाहते हैं।