मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से की भेंट, उत्तराखंड के विकास के लिए कई विषयों पर की चर्चा

– लंबित जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण के लिए मांगी अनुमति

– मानसखंड मन्दिर माला मिशन के लिए मांगी एक हजार करोड़ की सहायता

– राज्य में प्रस्तावित तीन टनल परियोजनाओं व देहरादून-मसूरी रेल लाइन की मांगी स्वीकृति

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भेंट कर उन्हें तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री का दायित्व संभालने पर शुभकामनाएं दीं। इस मौके पर धामी ने प्रधानमंत्री से विशेषज्ञ समिति-2 की अन्तिम रिपोर्ट पर जल शक्ति मंत्रालय तथा विद्युत मंत्रालय के साथ पुनर्समीक्षा करने और देहरादून-मसूरी रेल लाइन परियोजना को रेल मंत्रालय से स्वीकृत करवाने का अनुरोध किया।

प्रधानमंत्री मोदी से भेंट के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने उन्हें राज्य के विकास से संबंधित विभिन्न विषयों की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की विद्युत ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए उत्तराखण्ड को खुले बाजार से प्रतिवर्ष लगभग 1000 करोड़ की ऊर्जा क्रय करनी पड़ती है, जिससे राज्य के वित्तीय संसाधनों पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। मुख्यमंत्री ने अलकनंदा, भगीरथी तथा सहायक नदियों में प्रस्तावित 24 जल विद्युत परियोजनाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित विशेषज्ञ समिति-2 की अन्तिम रिपोर्ट पर जल शक्ति मंत्रालय तथा विद्युत मंत्रालय के साथ पुनर्समीक्षा करने के लिए प्रधानमंत्री से अनुरोध किया ।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से यह भी अनुरोध किया कि उत्तराखण्ड राज्य की विशेष भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत राज्य में भारत सरकार तथा उनकी एजेन्सियों के द्वारा सड़क निर्माण परियोजना को सुचारू रूप से क्रियान्वित किये जाने हेतु क्षतिपूरक वृक्षारोपण हेतु उपयुक्त भूमि के चयन में कठिनाई हो रही है, क्योंकि वर्तमान में प्रचलित वन संरक्षण एवं सवंर्धन नियम, तथा गाईडलाईन 2023 के अनुसार उपरोक्त प्रयोजन हेतु केवल गैर वन भूमि को आधार बनाया गया है, जिसमें समतुल्य गैर वन भूमि में क्षतिपूरक वृक्षारोपण किया जा सकता है। इसमें यह भी प्रावधान किया गया है कि राजस्व विभाग के अभिलेख में दर्ज वन भूमि जो वन विभाग के नियत्रंण में नहीं है, में दो गुना वन भूमि पर क्षतिपूरक वृक्षारोपण किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के विशिष्ट भौगोलिक परिस्थितियों एवं सामरिक महत्व के दृष्टिगत केन्द्र सरकार के उपक्रमों की ओर से कराये जा रहे गैर वानिकी परियोजना के लिए अधिसूचित नियम, 2017 की व्यवस्था को यथावत रखते हुये पूर्व की भांति राज्य में उपलब्ध ‘अधिसूचित अवनत वन भूमि’ (आरक्षित एवं संरक्षित वन) में क्षतिपूरक वृक्षारोपण कराये जाने तथा इन सभी प्रयोजन के लिये गतिमान वन भूमि हस्तान्तरण प्रस्तावों पर सम्बन्धित मंत्रालय को अनुमोदन प्रदान करने के लिए निर्देशित करने का अनुरोध प्रधानमंत्री से किया है।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से राज्य में निवेश प्रोत्साहन के लिए मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क औद्योगिक विकास के लिए भेल हरिद्वार से राज्य को भूमि हस्तान्तरण, एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर, खुरपिया के अनुमोदन का भी आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने मानसखण्ड मन्दिर माला मिशन के अन्तर्गत चिन्हित 48 पौराणिक मन्दिरों में से 16 मन्दिरों में अवस्थापना विकास के कार्य शुरू हो चुके हैं। इन मंदिर मार्गों को दो लेन करने और आपसी कनेक्टिविटी के लिए प्रधानमंत्री से एक हजार करोड़ रुपये की सहायता देने का भी अनुरोध प्रधानमंत्री से किया।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि मानसखण्ड मंदिर माला मिशन के अन्तर्गत कुमाऊँ क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध पूर्णागिरी धाम को विकसित करने के लिये शारदा कॉरिडोर के विकास की कार्ययोजना तैयार की जा रही है। साथ ही कुमाऊं क्षेत्र में स्थित प्रसिद्ध कैंची धाम के विकास के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। पिथौरागढ़ स्थित सीमान्त गांव गुंजी (आदि कैलाश क्षेत्र) को अन्तरराष्ट्रीय पर्यटन डेस्टिनेशन के रूप में विकसित करने के लिए मास्टर प्लान तैयार कर लिया गया है। गुंजी को ’’शिव नगरी’’थीम के आधार पर विकसित किये जाने हेतु छः घटक कला संस्कृति, कौशल, ज्ञान, ध्यान, विज्ञान तथा विश्राम, में विभाजित किया गया है। प्रथम चरण में स्वदेश दर्शन योजना-2.0 के अन्तर्गत गुंजी में साधना केन्द्र, ईको ट्रेल, संसाधन केन्द्र, हेरिटेज ग्राम विकसित करना और साहसिक गतिविधियां प्रस्तावित हैं। राज्य सरकार द्वारा गुंजी तथा आदि कैलाश एवं ओम पर्वत के लिये हेली सेवायें उपलब्ध कराये जाने के लिए सर्वे कर लिया गया है।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से उत्तराखण्ड में रेल सेवाओं के विस्तार के लिए देहरादून-मसूरी रेल लाइन परियोजना की स्वीकृति के लिए रेल मंत्रालय से करवाने के लिए अनुरोध किया। उत्तराखण्ड में प्रस्तावित ज्योलिकांग -वेदांग 5 किमी, सीपू-तोला 22 किमी. और मिलम- लैपथल 30 किमी टनल परियोजनाओं की प्रशासकीय एवं वित्तीय स्वीकृति का अनुरोध भी किया है।

उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में देश समग्र विकास के नए आयाम प्राप्त कर सम्पूर्ण विश्व में सफलता के नए कीर्तिमान स्थापित करने में सफल होगा। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को महासू मंदिर की प्रतिकृति भेंट की।

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