गांवों में स्वच्छता के नाम पर सफाईकर्मी दे रहे धोखा

गंदगी से ग्रामीण त्रस्त, सफाई कर्मी मस्त

सिर्फ कागजों में दर्ज की जा रही उपस्थिति

बलिया। स्वच्छ भारत मिशन को लेकर शासन-प्रशासन पूरा जोर लगाए है। लाखों रुपये गांवों में स्वच्छता के नाम पर खर्च हो रहे हैं। बावजूद इसके मिशन की परिकल्पना साकार होती नहीं दिख रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में सफाई कर्मचारियों की तैनाती सिर्फ कागजों तक सीमित है। कर्मचारी गांव जाते ही नहीं, कुछ जाते भी है तो केवल रजिस्टर पर5 साईन करने के लिए जिससे हालात यह हैं कि चारों ओर गंदगी का अंबार लगा हुआ है।

गड़़वार ब्लाक के दर्जनों ग्राम पंचायतों में सफाई कर्मचारियों की तैनाती है। लेकिन सफाई के नाम पर देखा जाए तो गांवों में जिस तरह से गंदगी के ढेर लगे हैं। उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि सफाई कर्मचारी की उपस्थिति सिर्फ कागजों में दर्ज कर ली जाती है, गावों में सफाई व्यवस्था पूरी तरह से ठप है। इस बाबत एडीओ पंचायत दिग्विजय नाथ तिवारी ने बताया कि भ्रमण के दौरान अगर गावों में गंदगी दिखा या सफाई कर्मचारियों के खिलाफ किसी प्रकार की शिकायत मिली तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

सफाई के नाम पर खानापूर्ति
बलिया। सबसे अधिक गंदगी गांव के मुख्य आवागमन सड़कों पर ही है । ग्रामीणों की मानें तो सफाई के नाम पर केवल खानापूर्ति होती है। जिसमें फेफना, सिंहपुर, एकौनी, सिहाचवर सहित क्षेत्र के दर्जनों गाँव के लोग परेशान है। सिंहपुर के हंकारपुर निवासी हरिद्र यादव का कहना है कि हमारे यहाँ कभी भी सफाई कार्य नही की जाती है।

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