Chandauli News : चंदौली में कोई विकास नहीं,गरीब जनता परेशान !

Chandauli News : पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रभुनारायण यादव ने स्पष्ट किया कि विभाग के पास पर्याप्त जमीन उपलब्ध है और सड़क की चौड़ाई कम करना जनहित में नहीं है। उनका कहना है कि सड़क चौड़ीकरण से संबंधित कई योजनाएं अभी भी स्थगित नहीं की गई हैं, क्योंकि यह कदम यातायात सुरक्षा और बेहतर सुविधा के लिए जरूरी है। मंत्री ने कहा- कि सड़क की चौड़ाई में कमी से यातायात जाम और दुर्घटनाओं की संख्या बढ़ सकती है, जो लोगों के लिए समस्या का कारण बनेगा। पीडब्ल्यूडी द्वारा पहले ही भूमि अधिग्रहण और अन्य आवश्यक कार्यों की पूरी तैयारी की जा चुकी है ताकि सड़क के चौड़ीकरण के कार्य को सुचारू रूप से पूरा किया जा सके। उन्होंने कहा- कि यह निर्णय जनहित को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, ताकि सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा सके और लोगों को बेहतर परिवहन सुविधा मिल सके।

ये भी पढ़ें…Mahakumbh:वीआईपी प्रोटोकॉल 500, घाट से संगम पहुंच रहे 2500 श्रद्धालु !

जिले में सड़क चौड़ीकरण, स्टेडियम, मेडिकल कॉलेज सहित अन्य समस्याओं को सकलडीहा के सपा विधायक प्रभु नारायण यादव ने विधानसभा सत्र के दौरान उठाई। उन्होंने खासकर नगर में सिक्स लेन का निर्माण न कर फोर लेन की बात प्रमुखता से उठाई।कहा कि पीडब्ल्यूडी के पास नगर में प्रर्याप्त जमीन होने के बाद भी सड़क की चौड़ाई कम करना जनहित में नहीं है। जनप्रतिनिधि व्यापारियों से पैसे लेकर सड़क को कम कराने की बात कह रहे हैं। उन्होंने कहा- कि पड़ाव से गोधना तक बन रहे सिक्स लेन को अधिकारियों ने सत्ता पक्ष के दबाव में पीडीडीयू नगर में फोरलेन कर दिया है।

ये भी पढ़ें..Kushinagar News : शादी में डांस करने पर विवाद,दोनों पक्ष आपस में भिड़े!

सत्ता पक्ष पूंजीपतियों के मकान को बचा रहा है। पीडब्ल्यूडी की यहां पर्याप्त जमीन उपलब्ध होने के बाद भी सड़क की चौड़ाई कम करना जनहित में नहीं है। वहीं सड़क निर्माण की जद में आने वाले गरीबों के मकान पर बुलडोजर चलाया जा रहा है। वहीं जनपद में स्टेडियम स्वीकृत होने और बजट के आए दो वर्ष बीत गए लेकिन अभी तक काम शुरू नहीं हो पाया है। चंदौली जिला बने 27 वर्ष बीत रहे हैं लेकिन अभी तक पूर्ण रूप से न तो जनपद स्तरीय न्यायालय का निर्माण हो पाया है और ना ही मुख्यालय का। जनपद में शराब, गांजा और गौ तस्करी पर रोक नहीं लग पा रही है। जनपद में बाबा कीनाराम मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन हो गया लेकिन भवन अभी अधूरा है।यहां पर डॉक्टरों, कर्मचारियों व अधिकारियों की नियुक्ति तो हो गई है लेकिन डॉक्टर मरीज को देख नहीं पा रहे हैं। इससे मरीजों का उपचार नहीं हो पा रहा है। वहीं 100 बेड का पं. कमलापति त्रिपाठी जिला चिकित्सालय को भी मेडिकल कॉलेज से संबंद्ध कर दिया गया है लेकिन मरीजों को यहां दवा नहीं मिल रही है।

Back to top button