मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि केन-बेतवा और पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजनाएं सरकार के अथक प्रयासों का परिणाम हैं. इन महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय परियोजनाओं के लिए पीछे 20 सालों से लगातार प्रयास किया जा रहे थे. यह प्रदेश के लिए अत्यंत सौभाग्य का विषय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इन परियोजनाओं को मंजूर किया है. वे खुद इसका शिलान्यास करने आ रहे हैं. इन परियोजनाओं से बुंदेलखंड और मालवा क्षेत्र की तस्वीर एवं तकदीर बदलेगी. सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र में इनसे बड़ा परिवर्तन आएगा. प्रधानमंत्री मोदी केन-बेतवा लिंक परियोजना का शिलान्यास 25 दिसंबर को खजुराहो, छतरपुर में आयोजित कार्यक्रम में और पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना का शिलान्यास जयपुर (राजस्थान) में करेंगे.
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने समत्व भवन (मुख्यमंत्री निवास) से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कार्यक्रम की तैयारी की समीक्षा की. जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, अपर मुख्य सचिव जल संसाधन डॉ. राजेश राजौरा एवं सभी संबंधित अधिकारी उपस्थित थे. परियोजना से जुड़े संभागों के आयुक्त तथा जिलों के कलेक्टर्स वीडियो कॉफ्रेंस के माध्यम से शामिल हुए.
मध्य प्रदेश में अपार जलराशि
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि देश में सबसे ज्यादा नदियां मध्य प्रदेश में हैं और यहां अपार जल राशि भी है. हमें इसका अधिक से अधिक उपयोग किसानों के हित में करना है. उन्होंने कहा कि 2 बड़ी राष्ट्रीय परियोजनाओं में मध्यप्रदेश की हिस्सेदारी होना बहुत बड़ी उपलब्धि है. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि जन-जन तक जल के महत्व और सदुपयोग का संदेश जाना चाहिए. गांव-गांव में किसान सम्मेलन हों, कलश यात्रा निकाली जाएं, प्रभात फेरिया हों, भजन मंडलियां और लोक कलाकार प्रस्तुतियां दें, विद्यालय और महाविद्यालय में चित्रकला, निबंध, वाद-विवाद प्रतियोगिताएं हों. कार्यक्रमों में जन-प्रतिनिधि, स्व-सहायता समूह और समाज सेवी संगठन की सहभागिता हो.
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि नदी जोड़ो की राष्ट्रीय परियोजनाओं के साथ ही राज्य के भीतर भी नदियों को जोड़ने का कार्य निरंतर किया जाएगा. उज्जैन में कान्ह नदी को 20 किलोमीटर डक्ट बनाकर गंभीर नदी से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है. सीवरखेड़ी- सिलारखेड़ी परियोजना भी प्रारंभ हो रही है. हम निरंतर जल की दृष्टि से प्रदेश को समृद्ध बनाएंगे. हर खेत तक सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध कराना हमारा संकल्प है.
40 लाख से ज्यादा आबादी को मिला पानी
जल संसाधन मंत्री सिलावट ने बताया कि संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना से प्रदेश के मालवा और चंबल क्षेत्र में 6 लाख 13 हजार 520 हेक्टेयर में सिंचाई होगी और 40 लाख की आबादी को पेयजल उपलब्ध होगा. इसके अतिरिक्त लगभग 60 साल पुरानी चंबल दाईं मुख्य नहर एवं वितरण-तंत्र प्रणाली के आधुनिकीकरण कार्य से भिंड, मुरैना एवं श्योपुर जिलों के 1205 गांवों में 3 लाख 62 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में कृषकों की मांग अनुसार पानी उपलब्ध कराया जाएगा. परियोजना से प्रदेश के गुना, मुरैना, शिवपुरी, भिंड, श्योपुर, उज्जैन सीहोर, मंदसौर, इंदौर, देवास, आगर मालवा, शाजापुर और राजगढ़ जिलों के 3217 गांवों को लाभ मिलेगा.
221 किलोमीटर लंबी बनाई जाएगी कैनाल
केन-बेतवा लिंक परियोजना के अंतर्गत दौधन गांव में बांध का निर्माण कर केन नदी के जल को 221 किलोमीटर लंबी लिंक कैनाल के द्वारा मार्ग में दोनों ओर सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराते हुए बाकी के जल को बेतवा नदी में छोड़ा जाएगा. परियोजना से प्रदेश के कुल 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा प्राप्त होगी. इससे छतरपुर, पन्ना, दमोह, टीकमगढ़, शिवपुरी, निवाड़ी, दतिया रायसेन, विदिशा और सागर जिलों के लगभग 2013 गांव लाभान्वित होंगे. परियोजना से प्रदेश की 44 लाख आबादी को पेयजल की सुविधा प्राप्त होगी और 103 मेगावॉट जल विद्युत एवं 27 मेगावाट सोलर विद्युत का उत्पादन भी किया जाएगा.
अपर मुख्य सचिव डॉ. राजौरा ने बताया कि परियोजनाओं के लिए जन-जागरण अभियान 25 दिसंबर तक चलाया जाएगा. अभियान के दौरान गांवों में कलश-यात्रा एवं प्रभात फेरियां निकाली जाएंगी, किसान सम्मेलन, जल के महत्व को बताते हुए नुक्कड़ नाटक भजन, सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे. शैक्षिक संस्थानों में भी जल-संरक्षण और संवर्धन से संबंधित विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी. परियोजनाओं के भूमि-पूजन शिलान्यास कार्यक्रमों का सभी ग्राम पंचायत में सीधा प्रसारण भी किया जाएगा.