नई दिल्ली। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बैंक धोखाधड़ी के आरोप में ग्रामीण विकास बैंक (असम) के तीन तत्कालीन सहायक प्रबंधकों सहित चार आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इस मामले में आरोपितों के निवास पर भी छापेमारी की गई। आगे की जांच अभी जारी है। इन आरोपितों पर बैंक को लगभग 8.28 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने का आरोप है। यह जानकारी सीबीआई प्रवक्ता ने आज मंगलवार (25 जून) को दी।
सीबीआई ने बताया कि बेईमानी और धोखाधड़ी से फर्जी स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) ऋण खातों में राशि स्वीकृत और वितरित की गई। उसी की आय को आरोपित तत्कालीन सहायक प्रबंधकों में से एक के बचत बैंक खाते से अन्य बैंक खाते में स्थानांतरित कर दिया गया। इस तरह आरोपितों ने बैंक को कथित तौर पर 8,28,42,900/- रुपये (लगभग) नुकसान पहुंचाया और खुद लाभ लिया।
सीबीआई ने ग्रामीण विकास बैंक (असम) के जिन तीन तत्कालीन सहायक प्रबंधकों सहित चार आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। उसमें असम ग्रामीण विकास बैंक, माधापुर शाखा, जोरहाट (असम) के तत्कालीन सहायक प्रबंधक प्रशांत बोरा, प्रियंशु पल्लभ गोगोई, सोहन दत्ता और तत्कालीन कार्यालय सहायक (बहुउद्देश्यीय) सत्यजीत चालिहा का नाम शामिल है।
इस मामले में सीबीआई की टीम ने असम के जोरहाट, तिनसुकिया और डिब्रूगढ़ में आरोपितों के आवासीय और आधिकारिक परिसर और पश्चिम बंगाल में एक स्थान की तलाशी ली। इस दौरान यहां से आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए हैं।